दिशाहीन सरकार के मंत्रियों का प्रशिक्षण आवश्यक था, मंत्रियों की ट्रेनिंग आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन – सुशील आनंद शुक्ला

दिशाहीन सरकार के मंत्रियों का प्रशिक्षण आवश्यक था, मंत्रियों की ट्रेनिंग आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन – सुशील आनंद शुक्ला

June 1, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : पिछले 5 महीनें में जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी की सरकार दिशाहीन ढंग से चल रही थी। उसके कारण साय सरकार के मंत्रियों को सुशासन का प्रशिक्षण देना आवश्यक था। मुख्यमंत्री और मंत्री दिशाहीन और मतिभ्रम का शिकार है उन्हे कुछ समझ ही नहीं आ रहा है जनता के हितों में कैसे फैसला लिया जाये। निश्चित तौर पर उन सबका अच्छे प्रोफेशनल से ट्रेनिंग की जरूरत है। लेकिन लगता नहीं कि भाजपाई मंत्रियों को इस ट्रेनिंग से कोई फर्क पड़ने वाला है, पिछले 5 महीनें में भाजपा ने जिस प्रकार से भ्रष्टाचार केन्द्रित सरकार चलाया है, वह छत्तीसगढ़ की जनता को निराश करने वाला है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपाई आदतन जनविरोधी है, कोई भी ट्रेनिंग उनके आदत को नहीं बदलने वाली, रहिमन कारी कांवरी के चढ़त दूजो रंग, वही स्थिति भारतीय जनता पार्टी की है, मंत्रियों की है। जनता की सेवा के लिये किसी ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं होती। जनता की सेवा भावना, अपने अंदर के जज्बे से निकलती है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में जनता की सेवा का जज्बा है ही नहीं, अतः इनको कोई भी ट्रेनिंग दे दी जाय सब व्यर्थ साबित होगा।

कांग्रेस ने किया चुनाव आयोग से शिकायत

प्रति,

राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी

रायपुर छ.ग.

विषय :- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत बाबत्।

महोदय,

राज्य सरकार द्वारा शासन के मंत्रियो का प्रशिक्षण शिविर आईआईएम रायपुर में आयोजित किया गया है। जिसका नाम भाजपा सरकार ने चिंतन शिविर रखा है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में एवं पूरे देश में लोकसभा चुनाव के लिये आदर्श आचार संहिता लगी है। ऐसे में कोई भी सरकार आयोजन केन्द्र सरकार के संस्थान में तथा राज्य सरकार के मंत्रियों के लिये आयोजित किया जाना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। भले ही राज्य में मतदान संपन्न हो चुका है, लेकिन अभी आदर्श आचार संहिता लागू है। इस आयोजन में राज्य शासन के मुख्यमंत्री, मंत्रीगण सभी शामिल हो रहे है।

देश के कुछ हिस्से में कल लोकसभा के अंतिम चरण का मतदान है। ऐसे में इस आयोजन पर रोक लगाया जाना तथा इस आयोजन की खबरों को रोकना आवश्यक है। जिम्मेदार व्यक्तियों का इस प्रकार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन आपत्तिजनक है। इस आयोजन पर रोक लगाकर कड़ी कार्यवाही करने का आग्रह है।