किसी भी कीमत पर न बिगड़े कानून-व्यवस्था : गृह विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिखाए सख्त तेवर
June 15, 2024
- आम जनता के बीच पुलिस की सख्त और संवेदनशील छवि दिखनी चाहिए
- नशाखोरी, जुआ-सट्टा पर लगाएं रोक
- नियद नेल्लानार योजना के लिए नहीं होगी राशि की कमी
- माओवादी आतंक के विरूद्ध जारी रहेगा हमारा अभियान
- पुलिस की धमक हर क्षेत्र में दिखे
- नवगठित जिलों में खोले जाएंगे अजाक थाने
- पुलिस को सुदृढ़ और दक्ष बनाने के लिए नहीं होगी संसाधनों की कमी
- प्रारंभ होंगे 05 महिला थाने और 04 नवीन साइबर थाने
- एन्टी ह्यूमेन ट्रेफिकिंग ब्यूरो की होगी स्थापना
समदर्शी न्यूज़, रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि प्रदेश में किसी भी कीमत पर कानून और व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। यदि ऐसा होता है तो जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आम जनता के बीच पुलिस की सख्त और संवेदनशील छवि दिखनी चाहिए। जनता का विश्वास पुलिस पर रहे, इसके लिए एक मेकैनिज्म बनाने की आवश्यकता है। जनता का जितना पुलिस पर विश्वास रहेगा उतना ही अच्छा होगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित गृह एवं जेल विभाग के कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार पिंगुआ सहित गृह एवं जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानून जो जुलाई में लागू हो रहे हैं इसके लिए समय रहते सभी आवश्यक तैयारियां कर ली जाए। प्रदेश में नशाखोरी, जुआ और सट्टा पर सख्ती से रोक लगाई जाए। अवैध शराब, जुआ, सट्टा से संबंधित शिकायतें नहीं आनी चाहिए, इसके लिए जिले स्तर पर जिम्मेदारी तय की जाए। जुआ और सट्टा बंद होने चाहिए। चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और कंपनियों से रिकवरी कर निवेशकों को उनकी राशि शीघ्र उपलब्ध कराई जाएं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पुलिस प्रशासन की धमक हर क्षेत्र में दिखनी चाहिए। माओवाद का अंतिम रूप से खात्मा करना हमारा लक्ष्य है। माओवादी आंतक के खिलाफ हमारा अभियान लगातार जारी रहेगा। इस अभियान में पुलिस को अच्छी सफलता मिल रही है। इसके लिए पुलिस बधाई के पात्र है। माओवाद के खिलाफ पुलिस को अच्छी सफलता मिल रही है, यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियद नेल्लानार योजना के तहत पुलिस कैम्पों के पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांवों के विकास के लिए राशि की कमी नही होगी। इस गांवों के विकास के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इस योजना के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राशि की कमी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के नवगठित जिलों में जहां अजाक थाने नहीं है, वहां शीघ्र अजाक पुलिस थाने खोले जाएंगे। पुलिस विभाग में रिक्त पदों की भर्ती और पदोन्नति की कार्रवाई शीघ्र की जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस की क्षमता विकास के लिए अधिकारियों और जवानों के प्रशिक्षण नियमित रूप से आयोजित किए जाएं। पुलिस को सुदृढ़ और दक्ष बनाने के लिए राज्य सरकार के स्तर से संसाधनों की कोई कमी नही होगी।
उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने समीक्षा बैठक में कहा कि लॉ एन्ड ऑर्डर की स्थिति से निपटने हेतु एसओपी बनाने की आवश्यकता है ताकि लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति निर्मित होने पर तत्काल कार्यवाही की जा सके और इसके लिए पुलिस एवं प्रशासन को प्रशिक्षित भी किया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जिलों का दौरा करेंगे और कार्याे की समीक्षा भी करेंगे।
पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने बैठक में बताया कि प्रदेश में अपराधों में निरंतर कमी आ रही है। प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा हेतु चार महिला थाने एवं महिला विरुद्ध अपराध अनुसंधान की 06 इकाई कार्यरत हैं। बैठक में बताया गया कि इसके अतिरिक्त 553 महिला हेल्प डेस्क एवं सभी 33 जिलों में परिवार परामर्श केंद्र स्थापित हैं। अभिव्यक्ति एप के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को आपातकालीन सेवा एवं ऑनलाइन शिकायत की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। इस वर्ष के बजट में 5 महिला थानों को प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रदेश के चार जिलो रायगढ़, कोरबा, राजनांदगांव एवं कबीरधाम जिले में चार नवीन साइबर पुलिस थाने खोले जाएंगे। मानव तस्करी की रोकथाम हेतु राज्य स्तर पर एन्टी ह्यूमेन ट्रेफिकिंग ब्यूरो की स्थापना की जाएगी।
साइबर अपराधों में कार्रवाई करते हुए 22.12 करोड़ रूपए की राशि ठगों के पास जाने से बचाई गई। प्रदेश में छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए भी अनेक प्रयास किया जा रहे हैं। गुम बच्चों के मामले में 92 प्रतिशत बच्चों को रेस्क्यू करने में सफलता मिली है। मानव तस्करी के मामलों में लगभग 99 प्रतिशत पीड़ितों का रेस्क्यू किया गया है। गुम बच्चों की तलाश हेतु विशेष अभियान चलाकर गुम बच्चों को बरामद कर उसके अभिभावकों को सौंपने हेतु ऑपरेशन मुस्कान भी चलाया जा रहा है।