लेटलतीफी अचानक रद्द होना भारतीय रेल की पहचान बन गयी है, मोदी सरकार यात्री ट्रेनों को नहीं चला पा रही, सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ की ट्रेनें प्रभावित है – सुशील आनंद शुक्ला

लेटलतीफी अचानक रद्द होना भारतीय रेल की पहचान बन गयी है, मोदी सरकार यात्री ट्रेनों को नहीं चला पा रही, सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ की ट्रेनें प्रभावित है – सुशील आनंद शुक्ला

June 20, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : मोदी सरकार यात्री ट्रेनों को नहीं चला पा रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश में आज कोई भी ट्रेन नहीं है जो समय पर गंतव्य के लिये चलती है। घंटो लेट लतीफी भारतीय रेल की पहचान बन गयी है। यह मोदी सरकार की तानाशाही और छत्तीसगढ़ विरोधी रवैया है पिछले 3 साल से अधिक समय से छत्तीसगढ़ की ट्रेनों को बिना किसी ठोस कारण के रद्द किया जाता है वर्तमान में एक बार फिर एक दर्जन से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। 40 ट्रेने पहले से रद्द है। कुल 50 से अधिक ट्रेनें रद्द है। यह छत्तीसगढ़ की जनता के साथ नाईसांफी है। दिल्ली मार्ग की अधिकांश ट्रेने रद्द है, गोंदिया-बरौनी ट्रेन को रद्द कर दिया गया। सारनाथ और नौतनवा तथा दुर्ग निजामुद्दीन जैसी हावड़ा मेल ट्रेन घंटों लेट चल रही है। ’बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था’ के और बिना किसी पूर्व ’सूचना’ के केंद्र की मोदी सरकार और रेलवे मंत्रालय लगातार छत्तीसगढ़ में ट्रेनों को रद्द कर रहा है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ की जनता बुरी तरह परेशान और हलाकान है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री सेवा रेलवे सुविधा को समाप्त करने का साजिश रच रही है। वर्षों से भारतीय रेलवे आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था जिसे मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। बिना कोई कारण बताये, बिना किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है। रेलवे द्वारा यात्री ट्रेनों को महीनों, हफ्तों तक बंद करने का फरमान जारी कर दिया जाता है। महीनों पहले यात्रा की योजना बना कर रिजर्वेशन कराये नागरिकों की परेशानी से रेलवे को और केंद्र सरकार कोई मतलब नहीं रहता है। रेलवे यात्रियों के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश की आजादी के बाद ऐसी स्थिति केवल मोदी सरकार में आई है। जहां रेलवे की यात्री सुविधाएं इतनी ज्यादा खस्ताहाल हो गयी है। यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है, कभी कोयले के आपूर्ति के नाम पर, कभी कोई और कारण बता कर यह विश्वसनीय यात्री सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है ताकि लोग रेलवे से ऊब जाये और रेल को भी मोदी अपने उद्योगपति मित्र अडानी के हवाले कर सके। मोदी सरकार के पहले की केंद्र सरकारें घाटा उठा कर भी रेलवे सुविधाओं का विस्तार करती रही। आजादी के बाद से रेलवे का अलग बजट बनाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ मालवाहक बनाना चाहती है और बाद में रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके इसका रास्ता बना रही है।