नाबालिग स्कूली छात्रा को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के आरोपी को दी गई 20 साल की सज़ा… सजा में अर्थदंड का भी किया गया है प्रावधान.

नाबालिग स्कूली छात्रा को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के आरोपी को दी गई 20 साल की सज़ा… सजा में अर्थदंड का भी किया गया है प्रावधान.

June 23, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ – अंबिकापुर : जिले के दरिमा थाना क्षेत्रान्तर्गत 16 साल की नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म किया गया था। 12 अप्रैल 2022 को 16 साल की छात्रा अपने घर से परीक्षा देने के नाम पर निकली थी, इसी दौरान एक आरोपी उसे झांसा देकर रायगढ़ ले गया और दुष्कर्म करता रहा। इस मामले में उसे अब 20 साल की सजा सुनाई गई है।

स्कूली छात्रा को झांसा देकर भगाकर ले जाने तथा कब्जे में रख कर दुष्कर्म करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश कमलेश जगदल्ला (फास्ट ट्रैक, स्पेशल कोर्ट पोक्सो एक्ट) अंबिकापुर के न्यायालय ने रायगढ़ जिले के तमनार खालेपारा निवासी नरेंद्र साव (23) को 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अर्थदंड का भी प्रविधान किया है। राज्य शासन की योजना के अंतर्गत पीड़िता को पांच लाख की क्षतिपूर्ति दिए जाने की अनुशंसा भी न्यायालय ने की है। मिली जानकारी के अनुसार सरगुजा जिले की एक छात्रा बीते 12 अप्रैल 2022 को परीक्षा देने के लिए घर से निकली थी। इसके बाद वह घर वापस नहीं लौटी। घरवालों ने काफी खोजबीन की लेकिन उसका पता नहीं चला। स्वजन ने पुलिस से शिकायत की थी।

इस पर पुलिस ने धारा 363 का अपराध पंजीकृत किया था, स्कूली छात्रा की खोजबीन की जा रही थी। इसी बीच 24 मई 2022 को पीड़िता का फोन उसके पिता के पास आया। जिस पर उसने खुद के रायगढ़ जिले के एक मंदिर के पास होने की जानकारी दी। इसी जानकारी के आधार पर पीड़िता के पिता व दादा के साथ पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया था। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपित नरेंद्र साव को अपहरण, दुष्कर्म तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत गिरफ्तार कर न्यायालय के निर्देश पर जेल दाखिल किया था।

प्रकरण के सारे तथ्यों की सुनवाई तथा पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश कमलेश जगदल्ला (फास्ट ट्रैक, स्पेशल कोर्ट पोक्सो एक्ट) के न्यायालय ने आरोपित नरेंद्र साव को धारा 363,376(3), तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा का दोषी पाया। आरोपित को धारा 363, धारा 376 (3) तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा के अंतर्गत 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। तीनों धाराओं की सजा में अर्थदंड का भी प्रविधान किया गया है।