नवीन कानून क्रियान्वयन समारोह : जशपुर के वशिष्ठ कम्यूनिटी हॉल में जिला स्तरीय कार्यक्रम का हुआ आयोजन, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसएस) 2023 की बारीकीयों से कराया गया अवगत
July 1, 2024जिला जशपुर के सभी थाना/ चौकी में तथा जिला स्तर पर वशिष्ठ कम्यूनिटी हॉल जशपुर में स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधि./कर्मचारियों एवं आमजनों की उपस्थिति में नवीन कानून क्रियान्वयन समारोह भव्य रूप से मनाया गया
समदर्शी न्यूज़, जशपुर : विदित हो कि आज से देशभर में 03 नए आपराधिक कानून लागू हुये हैं। इस हेतु आज जिला मुख्यालय जशपुर स्थित वशिष्ठ कम्यूनिटी हॉल में स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधि./कर्मचारियों एवं आमजनों की उपस्थिति में विशेषज्ञों द्वारा नवीन कानून के संबंध में ऑडियो वीडियो के माध्यम से जानकारी दिया गया। कार्यक्रम के दौरान बहुत अधिक संख्या में महिलायें एवं बच्चे भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में एसपी जशपुर शशि मोहन सिंह एवं कलेक्टर रवि मित्तल के द्वारा अतिथिगण जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। इसी तरह कार्यक्रम में उपस्थित रहे कलेक्टर जशपुर रवि मित्तल, वरिष्ठ नेता कृष्ण कुमार राय, रामप्रताप साय, राजीव नंदे, नरेश नंदे, सुनील गुप्ता, राजू गुप्ता का भी स्वागत किया गया। कार्यक्रम का उद्बोधन एवं मंच का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर अनिल सोनी के द्वारा किया गया।
जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि आज भारत के लोगों को नया कानून मिल रहा है, हमारे देश में 1860 से आईपीसी और सीआरपीसी लागू था, इसे भारत सरकार द्वारा बदला गया है। इनके द्वारा लॉर्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति पर भी प्रकाश डालकर जानकारी दिया गया।अंग्रेजों के समय से लागू भारतीय दण्ड संहिता को बदलकर भारत सरकार द्वारा नवीन कानून में राष्ट्रहित में बहुत अच्छा कार्य किया गया है। महिलाओं एवं बच्चों को न्याय दिलाने हेतु पहल किया गया है।
विधायक पत्थलगांव श्रीमती गोमती साय ने भारत सरकार द्वारा लागू किये नवीन कानून के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह को बधाई दिया गया, साथ ही उन्होंने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए पुलिस अधीक्षक जशपुर एवं आम जनता को बधाई दिया। उन्होंने कहा कि किसी को अपराध करने की आवश्यकता ना पड़े। महिलाओं एवं बच्चों के लिए कानून में बड़े बदलाव किए गए हैं जो न्याय दिलाने में उपयोगी साबित होंगे।
कलेक्टर जशपुर रवि मित्तल द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को बताया कि आज से लागू हो रही नई संहिताएं आधुनिक समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में स्पष्टता और निष्पक्षता आती है। यह संहिता नागरिकों को सरकारी तंत्र के किसी भी दुरुपयोग से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि नए कानून हमारे देश की विधिक प्रणाली को आधुनिक, समसामयिक और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इन संहिताओं के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता, शीघ्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकती है। इनकी आवश्यकता और अपरिहार्यता स्पष्ट है, क्योंकि यह न केवल कानून के शासन को मजबूत बनाती हैं बल्कि समाज में न्याय, सुरक्षा और विकास को भी प्रोत्साहित करती हैं।
पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह द्वारा नये कानून के संबंध में जानकारी देते हुये कहा गया कि आज से भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस)2023 एवं नवीन भारतीय साक्ष्य अधिनियम(बीएसएस) 2023 लागू हो गया है। उन्होनें कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्तमान में बदलती हुई परिस्थति, बदलते हुये परिवेश न्याय की भावना को और ज्यादा सरल एवं सुगम बनाते हुये नवीन कानून में आवश्यक बदलाव किया गया है। यह कानून समयसीमा को निर्धारित करता है, ताकि आम लोगों को नियत समय के भीतर न्याय मिल सके। यह बदलाव औपनिवेशिक शासन के दौरान बनाये गये कानूनों की खामियों को दूर करने के लिये किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर अनिल सोनी द्वारा नवीन कानून में हुए बदलाव को बारीकी से बताया गया। उनके द्वारा बताया गया की नवीन कानून नागरिक और पीड़ित केंद्रित है, दंड के स्थान पर न्याय की ओर अभिन्मुख है, सामुदायिक दंड का प्रावधान समाज के प्रति उत्तरदायित्वों की भावना को जगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय न्याय संहिता में माब लीचिंग के अपराध के लिए उम्रकैद या मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान किया गया है, आतंकवादी कृत्य को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है, जो देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा को खतरा उत्पन्न करने वाले, आतंक फैलाने वाले कृत्यों में संलिप्त तत्वों तथा देश में अशांति, अव्यवस्था फैलाने वालों के विरुद्ध महत्वपूर्ण प्रावधान हैं।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी विपिन शर्मा के द्वारा नवीन कानून में लाए गए महत्वपूर्ण प्रावधान, संशोधन व अन्य विषय वस्तु के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दिया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित राजीव नंदे द्वारा कहा गया कि बड़े हर्ष का विषय है कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 आज से पूरे देश में प्रभावी हो गए हैं आज हम सभी इस दिवस को भव्यता के साथ मना रहे है। इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमशः आईपीसी, सीआरपीसी व भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है। लागू हुए तीन कानून दण्ड से न्याय की ओर ले जाने वाला साबित होगा। आज से सभी नयी एफआईआर बीएनएस के तहत दर्ज की जाएंगी। नये कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी जिसमें ‘जीरो एफआईआर’, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम जैसे कि ‘एसएमएस’ (मोबाइल फोन पर संदेश) के जरिये समन भेजने और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे। इन कानूनों में कुछ मौजूदा सामाजिक वास्तविकताओं और अपराधों से निपटने का प्रयास होंगे और संविधान में निहित आदर्शों को ध्यान में रखते हुए इनसे प्रभावी रूप से निपटने का एक तंत्र मुहैया कराया गया है। दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट सात दिन के भीतर देनी होगी। नये कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है, राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है और सभी तलाशी तथा जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है, किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है और किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है। ‘ओवरलैप’ धाराओं का आपस में विलय कर दिया गया तथा उन्हें सरलीकृत किया गया है और भारतीय दंड संहिता की 511 धाराओं के मुकाबले इसमें केवल 358 धाराएं होंगी। शादी का झूठा वादा करने, नाबालिग से दुष्कर्म, भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने, झपटमारी आदि मामले दर्ज किए जाते हैं लेकिन मौजूदा भारतीय दंड संहिता में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं थे। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में इनसे निपटने के लिए प्रावधान किये गए हैं। इसके साथ ही आशा जताई की पुलिस विभाग योजनाबद्ध तरीके से नवीन कानून को अपनायेगा जिसके सकारात्मक परिणाम आमजन को दिखाई देगें।
वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश नंदे ने नवीन कानून के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि यह निष्चित् रूप से एक बड़ा कदम है, हमें इन नवीन कानून के संबंध में लोगों को जागरूक करना होगा, ताकि वे इसका सही तरीके से उपयोग कर सके, खासकर ग्रामीण अंचल में कार्यशाला के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
अधिवक्ता सत्यप्रकाष तिवारी ने बताया कि आनलाईन और जीरो एफआईआर की सुविधा भी काफी प्रभावी होगी, इससे एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया सरल हो जायेगी। यह बदलाव न्याय प्रणाली को अधिक समावेषी और प्रभावी बनायेगा। इसके साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी अपना उद्बोधन दिया।
उक्त कार्यक्रम में जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय, कलेक्टर जशपुर रवि मित्तल, पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनी, एसडीओपी जशपुर चंद्रशेखर परमा, लोक अभियोजक विपिन कुमार शर्मा एवं राहुल गुप्ता, वरिष्ठ नेता कृष्ण कुमार राय, रामप्रताप साय, नरेश नंदे, सुनील गुप्ता, राजू गुप्ता, श्रीमती रजनी प्रधान, इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया के सदस्य, सहित स्वयं सेवी संस्था के एवं प्रबुद्धजन बहुत अधिक संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में पुलिस अनु. अधिकारी जशपुर चंद्रशेखर परमा द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का आभार प्रदर्शन किया गया।
आज सिटी कोतवाली जशपुर में स्वामी आत्मानंद स्कूल के छात्र/छात्राओं का भ्रमण कर उन्हें नवीन कानून के संबंध में जानकारी दिया गया। इसके साथ ही जिले के सभी थाना, चौकियों में जनप्रतिनिधि, स्कूली बच्चों एवं आमजनों की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित कर उत्सव के रूप में मनाया गया।