एसपी जशपुर की विशेष टीम ने फरारी काट रहे झारखंड के कुख्यात अन्तर्राज्यीय मवेशी तस्कर कुर्बान खान को बरगीदांढ़(झारखंड) से किया गिरफ्तार, वैधानिक कार्यवाही कर भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में.

समदर्शी न्यूज़ – जशपुर/कुनकुरी : पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में गठित विशेष पुलिस टीम द्वारा मवेशी तस्करी के विरूद्ध लगातार कार्यवाही की जा रही है एवं फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है।

पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह

दिनांक 18 मई 2024 के प्रातः 05:00 बजे थाना लोदाम को मुखबीर से सूचना मिली थी कि जशपुर क्षेत्र से एक पिक-अप वाहन क्रमांक जे.एच. 01 एफ.ए. 4057 में मवेशियों को भरकर तस्करी करते हुये नेशनल हाईवे-43 लोदाम होते हुये झारखंड की ओर जा रहा है।  इस सूचना पर थाना लोदाम पुलिस स्टॉफ द्वारा तत्काल बेरियर के पास नाकाबंदी किया गया एवं मुखबीर के बताये अनुसार उक्त पिक-अप वाहन क्रमांक जे.एच. 01 एफ.ए. 4057 रास्ते में आता दिखा, जिसके चालक को रोकने का प्रयास किया गया, जो चालक द्वारा अपने पिक-अप वाहन को और तेज गति से चलाते हुये टोल प्लाजा के स्टॉपर को ठोकर मारकर गुरूनानक ढाबा के पास वाहन को खड़ी कर भाग गया था। पुलिस द्वारा पिक-अप वाहन को चेक करने पर 11 रास मवेशियों को क्रूरतापूर्वक ठूंस-ठूंस कर भरा होना पाया गया। उक्त मवेशियों में से 03 मवेशी मृत पाये गये, शेष 08 रास मवेशी एवं पिक-अप वाहन को जप्त कर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था।

प्रकरण के फरार अभियुक्त कुर्बान खान की पतासाजी पुलिस टीम द्वारा की जा रही थी, इसी दौरान टीम को मुखबीर एवं सायबर सेल से कुर्बान खान के बरगीदांढ़ (झारखंड) में मौजूद होने की सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस टीम द्वारा मौके पर जाकर घेराबंदी एवं दबिश देकर कुर्बान खान को अभिरक्षा में लिया गया, पूछताछ में उसके द्वारा उक्त अपराध को घटित करना स्वीकार गया। अभियुक्त कुर्बान खान उम्र 40 साल निवासी सोसो थाना ठिठौरिया जिला रांची (झारखंड) के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने उसे दिनांक 03 जुलाई 2024 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।

प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं जप्ती कार्यवाही में थाना प्रभारी लोदाम निरीक्षक राकेश यादव, हायक निरीक्षक कमल सिंह राठिया, आरक्षक सुमित कुजूर, आरक्षक धनसाय राम, आरक्षक सुनीत कुमार, आरक्षक प्रवीण तिर्की एवं आरक्षक प्राणशंकर भगत का योगदान रहा है।

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