ऑनलाइन फ्रॉड के प्रकरण में मिली चक्रधरनगर पुलिस को सफलता : स्टॉक मार्केट में मुनाफे का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा……गिरोह में शामिल एक आरोपी को पुलिस ने अलवर, राजस्थान से किया गिरफ्तार !
July 6, 2024साइबर ठग व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर शेयर मार्केट में मुनाफे की जानकारी देते और फेक फर्म में कराते थे निवेश.
चक्रधर नगर पुलिस ने किया जालसाजों के बैंक अकाउंट सीज.
समदर्शी न्यूज़ – रायगढ़ | वर्तमान में साइबर ठगों द्वारा शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर व्हाटस-अप ग्रुप/टेलीग्राम में जोड़ कर स्वयं बनाये फेक कंपनियों के लिंक शेयर कर निवेश में बड़ा मुनाफा दिखाकर ठगी को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसी ही ठगी की एक शिकायत थाना चक्रधरनगर क्षेत्र की महिला द्वारा एसपी श्री दिव्यांग कुमार पटेल से की गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी दिव्यांग पटेल द्वारा साइबर डीएसपी अभिनव उपाध्याय एवं थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव को जांच में लगाया गया। मामले की विस्तृत जांच कर रायगढ़ पुलिस की टीम द्वारा शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए गिरोह के एक सदस्य को अलवर राजस्थान से गिरफ्तार कर लाया गया है।
दिनांक 15 जून 2024 को बेलादुला चक्रधरनगर में रहने वाली महिला द्वारा ऑनलाइन ठगी की लिखित में आवेदन देकर रिपोर्ट दर्ज कराया गया। महिला बताई कि मार्च 2024 में Apolo Business School के वेबसाईट को गलती से ओपन की, जिससे एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा इसे व्हाटस्-अप ग्रुप (B-5 Hang on to your dreams) में जोड़ दिया गया, जिसमें शेयर मार्केट में निवेश करने पर लाभ अर्जित करने का मोटीवेशनल पोस्ट दिखाया गया, जिससे प्रभावित होकर महिला ने दिनांक 08 अप्रैल 2024 से 18 मई 2024 के मध्य Apolo Business School के शेयर में 87,41,000/ रूपये निवेश की। महिला को उस कंपनी के शेयर के भाव बढने पर अपने शेयर को बेचने का प्रयास किया गया, जिससे पता चला कि जो अज्ञात व्यक्ति इससे निवेश के लिये चैट करते थे, उन्होंने किसी फर्जी कंपनी में पैसा निवेश कराया गया है। पीड़ित महिला जब Apolo Business School के आधिकारिक वेबसाईट से सम्पर्क की तो फर्म के द्वारा बताया गया कि फर्म का कोई भी व्हाट्सएप ग्रुप नहीं है। महिला के आवेदन पर दो मोबाइल धारकों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 295/2024 धारा 420 आईपीसी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
अपराध विवेचना टीम द्वारा पीड़िता से पूछताछ कर उनके बैंक खाता के डिटेल, संदिग्ध मोबाइल का डिटेल एवं ठगों द्वारा रूपये आहरण व्यय के संबंध में जानकारी जुटाई गई, जिसमें 24 अप्रैल 2024 को आरोपियों द्वारा पंजाब नेशनल बैंक, मनु मार्ग शाखा अलवर, राजस्थान के एक खाता में ₹3,20,000 ट्रांसफर करने और इसी खाते से कई लोगों को रुपए ट्रांसफर करने की जानकारी मिली। बैंक खाते के डिटेल पर खाताधारक जसराज मीणा अलवर राजस्थान का होना पाया गया। तत्काल पुलिस अधीक्षक द्वारा टीआई चक्रधरनगर प्रशांत राव के नेतृत्व में पुलिस टीम राजस्थान रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा पंजाब नेशनल बैंक मनु मार्ग शाखा अलवर जाकर डिटेल निकाला गया, जिसमें 24 अप्रैल को खाताधारक स्वयं चेक के माध्यम से ₹50 लाख विड्रोल करने की जानकारी मिली। बैंक का सीसीटीवी फुटेज चेक करने पर खाताधारक के साथ रूपये निकालने दो अन्य व्यक्ति भी आए थे, जिनके विषय में स्थानीय पुलिस की सहायता से पतासाजी करने पर एक व्यक्ति दीनबंधु गुप्ता की जानकारी मिली।
तत्काल रायगढ़ पुलिस टीम द्वारा संदेही दीनबंधु गुप्ता की पतासाजी कर संदेही को हिरासत में लिया जिसे मोबाइल पर सुरक्षित रखे PNB बैंक के सीसीटीवी फुटेज दिखाकर पूछताछ किया गया। संदेही दीनबंधु गुप्ता ने जसराज मीणा और विवेक यादव के साथ अपराध करना स्वीकार कर तीनों बैंक आकर रूपये निकालना बताया। आरोपी दीनबंधु गुप्ता ने बताया कि जसराज मीणा द्वारा 50 लाख रुपए खाते से निकाले और इसे भी रुपये दिये थे जिसे खर्च कर दिया है। दोनों आरोपी जसराज मीणा और विवेक यादव के निवास स्थान पर पुलिस टीम द्वारा दबिश दिया गया, दोनों काफी दिनों से गांव से फरार है। चक्रधरनगर पुलिस द्वारा आरोपियों के बैंक खातों को होल्ड कराया गया है। आरोपी दीनबंधु गुप्ता पिता स्वर्गीय कल्याण सहाय गुप्ता उम्र 39 साल निवासी रूपवास थाना अरावली विहार जिला अलवर (राजस्थान) को आज चक्रधरनगर पुलिस द्वारा गिरफ्तार न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।
पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल के दिशा निर्देशन तथा एडिशनल एसपी श्री आकाश मरकाम, नगर पुलिस अधीक्षक श्री आकाश शुक्ला, साइबर डीएसपी अभिनव उपाध्याय के मार्गदर्शन पर साइबर फ्रॉड गिरोह का पटाक्षेप करने और दिगर प्रांत से आरोपी की पतासाजी गिरफ्तारी में थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव आहेर, प्रधान आरक्षक श्याम देव साहू, आरक्षक कोमल तिवारी और विक्रम सिंह (साइबर सेल) सम्मिलित थे।