डॉ. मनसुख मांडविया के बजट कार्यक्रम में उमड़ी बुद्धिजीवियों की भीड़ : बड़ी संख्या में व्यापारी, सीए, डॉक्टर, समाजसेवी, अर्थशास्त्री एवं विभिन्न वर्गों के लोग हुए शामिल, कई ट्रेड एसोसिएशन ने किया स्वागत
July 27, 2024जैसे लोग चन्द्रगुप्त मौर्य के स्वर्ण युग को याद करते थे वैसे ही मोदी युग के भारत को याद करेंगे – मनसुख मांडविया
हम सब सौभाग्यशाली हैं कि मोदी जी की विकसित भारत यात्रा के साक्षी है – मनसुख मांडविया
पहले जब हम विदेश जाते थे तो बाहर के लोगो का अपाॅइंटमेंट लेना पड़ता था अब विदेशी भारत के लोगो का अपाॅइंटमेंट लेता है – मनसुख मांडविया
समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 27 जुलाई 2024/ केंद्रीय श्रम व रोजगार तथा युवा कार्यक्रम व खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने पिछले एक दशक से एक नई संस्कृति विकसित की है। एक दशक के पहले बजट आता था तो सभी व्यापारी वर्ग और आम जनता बजट में हुई घोषणाएं देखते थे और सभी जनप्रतिनिधि भी बजट में उनके लोकसभा क्षेत्र के लिए क्या घोषणा हुई, यह देखते थे। लेकिन एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट की कार्य संस्कृति को बदल दिया। डॉ मांडविया शनिवार को राजधानी में केंद्र सरकार के बजट पर संवाद हेतु आहूत बुद्धिजीवियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि जैसे लोग चन्द्रगुप्त मौर्य के स्वर्ण युग को याद करते थे वैसे ही मोदी युग के भारत को याद करेंगे। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि मोदी जी की विकसित भारत यात्रा के साक्षी है। डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि पहले जब हम विदेश जाते थे तो बाहर के लोगो का अपाॅइंटमेंट लेना पड़ता था अब विदेशी भारत के लोगो का अपाॅइंटमेंट लेता है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि बजट घोषणाओं और आर्थिक प्रावधानों का दस्तावेज भर नहीं हो सकता है, बल्कि बजट सरकार की कार्यशैली का प्रतिबिंब होता है। सरकार क्या चाहती है, सरकार कौन-सी दिशा में जा रही है, सरकार ने बजट में क्या कहा, सरकार का इस कथन के पीछे उद्देश्य क्या है, कुल मिलाकर, एक साल का शॉर्ट टर्म प्लान होता है और उसके साथ-साथ लॉन्ग टर्म विजन उसमें से दिखाई देता है। केंद्र सरकार का प्रस्तुत इस बजट का सचमुच क्या निष्कर्ष निकलना चाहिए। डॉ मंडाविया ने कहा कि श्री मोदी ने 9 प्राथमिकता तय की है। पहली प्राथमिकता को बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि 5 साल तक के बजट में कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता पर जोर दिया है। देश में कृषि सशक्त नहीं होगी तो राष्ट्र सशक्त नहीं होगा। इसलिए कृषि कल्याण का कार्यक्रम उठाना होगा। 2 हजार साल पहले देश में आचार्य चाणक्य ने कहा था कि यदि राज्य को कल्याणकारी राज्य बनाना है तो इसके लिए देश में महाजनों को राज्यांश देना होगा। देश में व्यापार उद्योग को वर्तमान समय की परिभाषा में उसको रूपांतरित करें तो देश के व्यापार को प्रोत्साहित करना होगा और देश के व्यापार वाणिज्य को प्रोत्साहित करने से संपत्ति का सृजन होता है। जिसमें कुशलता है, एंटरप्रेन्योरशिप है, अच्छी स्किल है, ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने से इस संपत्ति का सृजन होगा तो राज्य की तिजोरी में टैक्स डालेगा और राज्य की तिजोरी में टैक्स आएंगे तो राज्य की तिजोरी समृद्ध होगी। इसलिए श्री मोदी ने कहा कि राज्य में किसानों का कल्याण होना चाहिए। आज किसान सम्मान निधि दी जाती है, आज उनको फर्टिलाइजर में सब्सिडी दी जाती हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि आज कल दुनिया मिलावट से परेशान हैं बहुत से लोग इससे कई बीमारियों से ग्रसित हो रहे है इसलिए अब प्राकृतिक खेती पर जोर देने की आवश्यकता है। बजट में इसके लिए बड़ा प्रावधान किया गया है। श्री मांडविया ने कहा कि रोजगार और कौशल प्रशिक्षण, रोजगार, एंपावरमेंट पर ध्यान देना जरूरी है। देश की आबादी को सशक्त करने के लिए, डेवलप्ड कंट्री बनाने के लिए उसका उपयोग करके हम हमारे देश में उपार्जन कैसे करें हमारे देश के युवाओं में रही शक्तियों को कैसे सपोर्ट करें, उसको रोजगार का अवसर कैसे मिले, हर युवा के लिए रोजगार का अवसर मिले, इसलिए देश में इस बजट में 5 साल में चार करोड़ युवाओं को रोजगार देने के लिए कार्यक्रम तय किया। आज पहली बार मोदी जी ने इम्प्लाॅमेंट लिंक दिया है, जॉब लेने वाले को भी मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि केंद्रीय पोर्टल पर जाकर देखिए 30 लाख जॉब देने वाले अपॉइंटमेंट देने वाले लोग एक प्लेटफार्म पर है और हर महीने में 15-20 लाख जॉब की एडवर्टाइज वहां देते हैं और कहते हैं कि हमारे यहां जॉब है लेकिन हमारे पास स्किल्ड मैन पावर नहीं है। बजट में प्रावधान के तहत स्किल्ड मैन पावर तैयार करेंगे, 1000 आईटीआई को ट्रेनिंग का काम हब के रूप में करेगी। दूसरा एक महत्वपूर्ण निर्णय हुआ कि हम ऐसे एक करोड़ युवाओं को टॉप मोस्ट 500 कंपनी में इंटर्नशिप करने के लिए ₹5000 का स्टाइपेंड भी देंगे। उसको इंटर्नशिप भी करेंगे और उसका फायदा क्या होगा? यह बड़ी कंपनी में वहां के कल्चर को सीख जाएंगे। वहां वर्ल्ड क्लास वर्क कल्चर होता है बड़ी कंपनी होती है मल्टीनेशनल कंपनी होती है तो यह कंपनी में वर्ल्ड क्लास इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का वर्क कल्चर होता है। वहां से बाहर निकला हुआ युवा और डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्रीज में चले जाएंगे और डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्रीज में उसको सामने से बोलकर जॉब देंगे।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 10% के हिसाब से ग्रोथ कर रहा है यानी की 10 साल में हमारे देश में इंडस्ट्रीज डबल हो जाए, इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। हमारी सरकार की प्राथमिकता मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को आगे बढ़ाने की है और सर्विस सेक्टर में हमारी दुनिया की अपॉर्चुनिटी को इंप्रेस करके हमारे युवा डिजिटल टेक्नोलॉजी के द्वारा यहां बैठे-बैठे दुनिया के काम कर पाएँ और डॉलर में पैसा कमा पाएँ, इस प्राथमिकता के साथ हम बजट में व्यवस्था कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि पीछे रहना श्री मोदी को मंजूर नहीं है। श्री मोदी हमेशा टोटल अप्रोच के साथ आगे बढ़ते हैं। हम भाषण पर राजनीति चलाने वाले लोग नहीं है। भाषण तो आपने भी बहुत सुना होगा लेकिन जब भूतकाल बन जाता है तो हमें याद नहीं रहता है। 85-86 में एक स्लोगन सुना गया, भारत को 21वीं सदी में ले जाना है। 21वीं सदी की बात होती थी और उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे। विचार उनका सही था लेकिन हुआ क्या? उनकी कमिटमेंट में कमी थी। अच्छा विचार कर सकते हैं, लेकिन जब कमिटमेंट उसके साथ जुड़ जाता है तब आउटपुट में कन्वर्ट होता है। इसलिए श्री मोदी ने कहा कि ऐसा नहीं होगा। हम जो कहेंगे, वह कमिटमेंट के साथ पूरा करने की कोशिश करेंगे। और इसलिए ही डेवलप कंट्री बनाने का विचार रखा तो उसके साथ डिटेल कार्य योजना भी बनी और एक कार्य योजना के अनुरूप आज हम चल पड़े हैं। आने वाली सरकारों को केवल रास्ते पर आगे बढ़ जाना है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि कोविड के दौरान दुनिया कहती थी कि इंडिया में जितनी मृत्यु होगी, उसके आधार पर दुनिया का फिगर बनेगा। दुनिया को लगता था कि इंडिया मैनेज नहीं कर पाएगा और जब कोविड पूरा हुआ तो 1 मिलियन पॉपुलेशन में सबसे कम मृत्यु भारत में हुई थी। इंडिया में कोविड मैनेजमेंट कर लिया। भाषण से तो नहीं बन जाता विकसित भारत। विकसित भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा है? हमें 25 साल में ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना है, हमारा बजट कंटीन्यूअस इंफ्रास्ट्रक्चर के पीछे 10 साल तक 14 लाख करोड़ से अधिक होना चाहिए। हमारी सरकार के पहले बजट में सवा चार लाख करोड़, 2017 के हमारे बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आठ लाख करोड़ का था और अब बढ़कर के 2024 में वह सवा 11 लाख करोड़ हुआ है और 2 साल में बजट 14 लाख करोड़ का हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि रिसर्च को कर्मिशियालाईज करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी परंतु आज कोई हमारे प्रोफ़ेसर हो कोई साइंटिस्ट हो किसी भी जगह पर जॉब करता हो, और उन्होंने कोई रिसर्च की हो, वह प्राइवेट कंपनी में आकर कहे कि उसकी मैन्युफैक्चरिंग कर दो तो उसके साथ उसकी यह साइंटिस्ट को पार्टनरशिप करने की छूट है। 50 साल के बाद यह देश का नया इतिहास आनेवाली पीढ़ी पढ़ेगी तो चंद्रगुप्त मौर्य के स्वर्णयुग की तरह ही नरेंद्र मोदी के कार्यकाल पर गर्व करेंगे, सरदार पटेल साहब का सपना अधूरा रहा था, वह धारा 370 मोदी के समय में हटी थी, अयोध्या में राम मंदिर बना था, भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान पर नरेंद्र मोदी ने एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान के नापाक इरादे को ध्वस्त कर कठोर एक्शन लिया था। नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में विश्व की सबसे बड़ी महामारी 100 साल के बाद ही दुनिया में आई थी और इस महामारी का नरेंद्र मोदी ने अच्छी तरह से मुकाबला कर देश को बचा लिया था।
इससे पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के प्रमुख विषय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकासशील भारत को विकसित भारत की ओर ले जाने की परिकल्पना और संकल्पना पर चर्चा की। रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कई बार हम बजट में देखते हैं कि हमको सीधा फायदा क्या हुआ है? हमको जो अप्रत्यक्ष फायदा मिलता है, उसके बारे में हम सोचते नहीं है। आज जो हमारा बजट है वह 48 लाख 21 हजार करोड़ का बजट पूरे भारत का बना है और यह पिछले साल से 18% ज्यादा का बजट है। इस बजट में 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए है। गरीबों के लिए है, गांव के लिए है। 32 कृषि और बागवानी फसलों और नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी करने का बजट है। मॉनसून की अनिश्चितता, सूखा, बाढ़ के हालात में नई फैसले कौन-सी हो सकती है, इसके बारे में बजट में विचार किया गया। महिला कामगारों के लिए हॉस्टल बनाना, उनके बच्चों के लिए बाल घर बनाना, और यहां तक कि जो लोग अपना घर नहीं खरीद सकते, उनके लिए किराए के घर उपलब्ध करवाने की बात कही गई है। किसी गरीब की कोई जाति नहीं होती। प्रधानमंत्री ने इसलिए जातिवाद के आधार पर राजनीति करने की बजाय चार वर्गों की बात की। युवा, महिला, किसान और गरीब, इनमें सभी जातियां समाहित हो जाती हैं। अगर इन चारों का विकास हो गया तो इस भारत देश का विकास हो जाएगा और मोदी जी के नेतृत्व में जो इस देश की अर्थव्यवस्था 11वें नंबर पर थी उसको पांचवें नंबर पर लाया और आने वाले 5 सालों में इस देश की अर्थव्यवस्था तीसरे नंबर भारत की आर्थिक स्थिति कैसी होगी, भारत के लोगों का विकास कैसे होगा, यह साफ दिखाई दे रहा है।
कार्यक्रम में रायपुर, महासमुंद, धमतरी, आरंग, बागबाहरा, धरसीवा सहित कई क्षेत्रो से छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स, सराफा एसोसिएशन, कैट, सीए एसोसिएशन, डॉक्टर एसोसिएशन, अर्थशास्त्री, शिक्षक, युवा, महिलाये सहित कई सामाजिक संगठन मौजूद रहे।
इस मौके पर मंच संचालन भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने किया और प्रदेश भाजपा महामंत्री भरत वर्मा ने आभार प्रदर्शन किया। प्रदेश के कृषि मंत्री रामविचार नेताम, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक गुरु खुशवंत साहब, विधायक इंद्रकुमार, विधायक सुशांत शुक्ला, प्रदेश भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव, भरत वर्मा, रायपुर शहर जिला भाजपा अध्यक्ष जयंतीभाई पटेल, रायपुर ग्रामीण के जिला अध्यक्ष श्याम नारंग आदि उपस्थित थे।