एक उम्मीद की कहानी : दिव्यांग कोमल लहरे का संघर्ष और नई शुरुआत

एक उम्मीद की कहानी : दिव्यांग कोमल लहरे का संघर्ष और नई शुरुआत

August 8, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 8 अगस्त 2024/ संघर्ष की धरती पर उगता एक नया सूरज। यह कहानी है ग्राम सेरीखेड़ी के दिव्यांग कोमल लहरे की जो जीवन की हर कठिनाई का सामना कर अपने परिवार के लिए एक बेहतर कल की उम्मीद जगा रहे हैं।

दिव्यांग कोमल लहरे एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिनकी जीवनयापन का साधन गाँव के ही बाज़ार में आलू-प्याज बेचकर चलता था। लेकिन उनका जीवन हमेशा से इतना सरल नहीं था। कोमल 80 प्रतिशत दिव्यांगता के साथ जन्मे थे, और उनका हर दिन जीवन की चुनौतियों से लड़ते हुए गुजरता था। उनके परिवार में उनकी पत्नी भी दिव्यांग हैं और उनके दो मासूम बच्चे, जिनकी आँखों में सपने और दिल में उम्मीदों का बसेरा है।

जीवन की इस कठिनाई में दिव्यांग कोमल का हौसला कभी नहीं टूटा। अपनी दिव्यांगता को चुनौती मानकर उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का हर संभव प्रयास किया। लेकिन पैरों में लगे पहियों के बावजूद उनका सफर आसान नहीं था। कई बार जीवन की कठिनाइयों ने उन्हें थकाया लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

इस मार्मिक संघर्ष की कहानी मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सामने मुख्यमंत्री जनदर्शन के दौरान आई। जनदर्शन कार्यक्रम में दिव्यांग कोमल की यह दास्तान सुनते ही मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने उन्हें बैटरी चलित मोटराइज्ड ट्राई साइकिल प्रदान किया। मुख्यमंत्री श्री साय के हाथों मिली इस ट्राई साइकिल ने कोमल के जीवन में एक नई उम्मीद की किरण जगाई है। अब वे अपने व्यवसाय को और भी बेहतर तरीके से कर सकेंगे और अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित कर सकेंगे।