छत्तीसगढ़ को मिलेगा विकास का नया आयाम : IIFT और EDII के केंद्रों की स्थापना से युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर, मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री की उपस्थिति में एमओयू पर किए गए हस्ताक्षर

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 13 अगस्त 2024/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन की उपस्थिति में आज छत्तीसगढ़ में भारतीय विदेश व्यापार संस्थान कोलकाता (आई आई एफ टी) के निर्यात सुविधा केंद्र और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

भारतीय विदेश व्यापार संस्थान के सुविधा केंद्र के छत्तीसगढ़ में स्थापित होने से छत्तीसगढ़ से निर्यात करने वाले व्यवसायियों को मार्गदर्शन मिल सकेगा। राज्य से निर्यात गतिविधियां बढ़ेंगी। निर्यात की जाने वाली वस्तुओं, उत्पादों के सर्टिफिकेशन, बाजार की जानकारी और किस कीमत पर एक्सपोर्ट किया जाना है इस संबंध में निर्यात करने वाले उद्यमियों को मार्गदर्शन मिलेगा। इसके साथ ही भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के छत्तीसगढ़ में स्थापित होने वाले प्रशिक्षण केंद्र से प्रदेश के युवाओं को उद्यमिता विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर के इन दो केंद्रों की स्थापना से प्रदेश व्यावसायिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधन और वन संपदा की दृष्टि से एक संपन्न राज्य है। यहां की धरती उर्वरा है। राज्य सरकार की मंशा है कि छत्तीसगढ़ में अधिक से अधिक उद्योग धंधे स्थापित हों, वाणिज्य और व्यापार बढ़े ताकि हमारे पढ़े-लिखे अधिक से अधिक बेटा-बेटियों को रोजगार मिल सके। पढ़े-लिखे युवाओं को उद्योग धंधों से जोड़ने की आवश्यकता है। हमारे युवा उद्यमिता की ओर कदम बढ़ाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्यात छत्तीसगढ़ में निर्यात सुविधा केंद्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ के उत्पादों का विदेशों में निर्यात बढ़ेगा और उद्यमिता प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना से हमारे युवा उद्योगों की स्थापना और वर्तमान उद्योगों को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित होंगे और इसके लिए सक्षम बनेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है। छत्तीसगढ़ में भी हम विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार कर रहे हैं। अपने राज्य में उद्योग और व्यापार को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जिन राष्ट्रीय संस्थानों के साथ एमओयू हुआ है, उनके यहां आना छत्तीसगढ़ के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नए-नए उद्योग धंधों और व्यापार की गतिविधियां फलें-फूलें इससे अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। युवाओं को यह जानकारी मिल सकेगी कि कैसे अपना उद्योग बढ़ा सकें, कैसे विदेश में व्यापार किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना के लिए सक्रिय प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की मंशा है कि छत्तीसगढ़ की उद्योगों के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बने। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए तेजी से निर्णय लिए हैं। काफी कम समय में मोदी जी की गारंटियां पूरी की गई हैं।

भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईटीएफ) का सुविधा केंद्र छत्तीसगढ़ में स्थापित करने के लिए किए गए एमओयू पर राज्य सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद और आईआईएफटी कोलकाता के हेड डॉ. के. रंगराजन ने और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद (ईडीआईआई) के प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए ईडीआईआई के डायरेक्टर जनरल डॉ. सुनील शुक्ला ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

भारतीय विदेश व्यापार संस्थान को सुविधा केंद्र संचालित करने के लिए राज्य सरकार उद्योग भवन, रायपुर में स्थान तथा तीन वर्ष की अवधि में लगभग 75 लाख रुपए की राशि उपलब्ध कराएगी। इसी तरह भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद (ईडीआईआई) के प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए राज्य सरकार स्थान तथा लगभग सवा तीन करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराएगी।

उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद ने निर्यात सुविधा केन्द्र तथा उद्यमिता प्रशिक्षण केन्द्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निर्यात और उद्यमिता विकास के लिए राज्य में समुचित संस्थान नहीं था। इनकी स्थापना से यह कमी दूर होगी। प्रशिक्षण केन्द्र के संचालन में सालान लगभग दो से ढ़ाई करोड़ रूपए की लागत आएगी। इसी तरह निर्यात सुविधा केन्द्र के संचालन में हर वर्ष लगभग 25 से 30 लाख रूपए खर्च होंगे। इन दोनों केन्द्रों की स्थापना का छत्तीसगढ़ में निर्यात संवर्धन और उद्यमिता विकास के क्षेत्र में व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

ईडीआईआई के डायरेक्टर जनरल डॉ. सुनील शुक्ला ने बताया कि प्रशिक्षण केन्द्र के माध्यम से छत्तीसगढ़ के स्थानीय संस्थानों को बिजनेस मॉडल बनाने, मेंटर का नेटवर्क तैयार करने, नये उद्यम लगाने, वर्तमान उद्योगों को बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा। हमारा प्रयास प्रदेश के 3500 युवाओं तक पहुंचने तक है। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने तेजी से निर्णय लिया है। आईआईटीएफ कोलकाता के हेड डॉ. के. रंगराजन ने कहा कि हमारा प्रयास छत्तीसगढ़ से होने वाले निर्यात को दोगुना करने का होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के ट्रेडर्स सीधे छत्तीसगढ़ से ही वस्तुओं और उत्पादों का निर्यात कर सकेंगे। उद्यमियों को डिजिटल और पर्सनल मोड में प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। हिन्दी माध्यम में भी यह सुविधा उपलब्ध होगी। मोबाइल एप का भी उपयोग किया जाएगा। जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्रों के महाप्रबंधकों और उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें निर्यात के लिए अच्छे मार्केट और निर्यात किए जाने वाली वस्तुओं के रेट की जानकारी भी दी जाएगी। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजू एस., उद्योग विभाग के संचालक अरूण प्रसाद, ईडीआईआई के सीनियर एडवाइजर सी. उमाशंकर, प्रोफेसर अमित कुमार द्विवेदी और सुश्री शीबा रॉबर्ट तथा आईआईटीएफ के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नमन शर्मा, ईएफसी कोऑर्डीनेटर सुश्री सुमन दास सहित उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!