हरित हाइड्रोजन पर आयोजित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘ग्रीन हाइड्रोजन इंडिया 2024’में छत्तीसगढ़ राज्य की भागीदारी

हरित हाइड्रोजन पर आयोजित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘ग्रीन हाइड्रोजन इंडिया 2024’में छत्तीसगढ़ राज्य की भागीदारी

September 11, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 11 सितम्बर/ भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा 11 से 13 सितंबर 2024 को आयोजित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की वर्चुअल उपस्थिति में, श्री हरदीप पुरी, मंत्री, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार, प्रोफेसर श्री अजय सूद, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, सचिव, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, डायरेक्टर जर्नल डीएसआईआर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया, उक्त अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देदश्य भारत को हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग एवं निर्यात के लिये एक वैश्विक केन्द्र के रूप में विकसित करना है।

इस महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व श्री सुमित सरकार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा बायोमास आधारित ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन पर अपना अभिमत एवं इस दिशा में किये जा रहे विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रस्तुतीकरण देते हुये अपरम्परागत् ऊर्जा के क्षेत्र में जैव ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन के प्रोत्साहन की दिशा में किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया गया। साथ ही यह भी अवगत कराया कि राज्य के पूरे ग्रामीण परिदृश्य में बायोमास जैसे कि कृषि अपशिष्ट, डेयरी उद्योग से निकलने वाले अपशिष्ट, फल एवं सब्जी बाजारों के अपशिष्ट, गोबर की बहुतायत है, जिसका उपयुक्त तकनीक से प्रसंस्करण कर वृहद पैमाने पर ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की अपार संभावनायें हैं।

यह प्रयास सफल होने पर राज्य में संचालित वृहद स्टील उद्योगों, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, फर्टीलाईजर इकाई में ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग इन्डस्ट्रीयल एप्लीकेशन के रूप में किया जाएगा। इस तरह राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन वर्ष 2030 के लक्ष्य 05 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन की दिशा में छत्तीसगढ़ का अहम् योगदान होगा तथा ऊर्जा संरक्षण की दिशा में आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी।