घोटाले के आरोपी से मिलने की आतुरता ने आईने की तरह साफ कर दिया है कि बघेल को एक बड़ा डर सता रहा है – भाजपा

घोटाले के आरोपी से मिलने की आतुरता ने आईने की तरह साफ कर दिया है कि बघेल को एक बड़ा डर सता रहा है – भाजपा

September 13, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 13 सितमबर / छत्तीसगढ़ के वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कोयला घोटाले के मामले में जेल में बंद आरोपी सूर्यकांत तिवारी से नहीं मिलने देने पर बुरी तरह बिफरे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सवालों की बौछार करते हुए पूछा है कि घोटाले के मामले में जेल में बंद आरोपियों से बघेल को क्या काम पड़ गया और वह सूर्यकांत से मिलने के लिए इतने उतावले क्यों हो गए ? आरोपी तिवारी के पत्र लिखने के बाद से बघेल को कौन-सा डर सता रहा है ? श्री कश्यप ने कटाक्ष करते हुए बघेल से यह जानना चाहा है कि घोटाले के आरोपी सूर्यकांत से उनका क्या नाता है और यह रिश्ता कहलाता क्या है ?

छत्तीसगढ़ के वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप

प्रदेश के वन व सहकारिता मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि कोयला घोटाले का जेल में पिछले लगभग दो साल से बंद एक आरोपी, जिसे कई महीनों से जमानत तक नहीं मिल रही है, से मिलने की ऐसी आतुरता ‘आईने की तरह’ साफ बता रही है कि बघेल को एक बड़ा डर सता रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानो सूर्यकांत ने कोर्ट में याचिका लगाकर बघेल को यह इशारा कर दिया है कि अब वह ज्यादा दिन तक राज दफन नहीं कर सकता, ज्यादा दिन तक चुप नहीं रह पाएगा। क्या इसीलिए बघेल अब उससे मिलकर इस बात को सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि कहीं उनका पर्दाफाश तो नहीं हो रहा है ? अन्यथा तो किसी भी आरोपी से मिलने की इतनी जल्दबाजी, इतनी आतुरता बघेल क्यों दिखा रहे हैं ? और, नहीं मिलने देने पर बिफरकर इतनी नाराजगी क्यों जता रहे हैं ? श्री कश्यप ने कहा कि जब सूर्यकांत ने कोर्ट में यह लिखकर दे दिया है तो कोर्ट की अपनी प्रक्रिया है, कोर्ट उसको देखेगी। उसमें भूपेश बघेल तो कोर्ट का काम नहीं कर सकते हैं और न ही पुलिस का काम कर सकते हैं।

प्रदेश के वन व सहकारिता मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि घपलों-घोटालों के आरोपियों का जो संरक्षण भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रहते हुए किया था, वह आज भी जारी है, तो यह रिश्ता क्या कहलाता है ? आखिर यह क्या मामला है जिसकी वजह से भूपेश बघेल केवल और केवल अपराधियों से मिलना चाहते हैं, उनकी बातें करना चाहते हैं, उनकी वकालत करना चाहते हैं ? श्री कश्यप ने कहा कि मामला साफ है। इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह घोटाला, मिलीभगत का घोटाला है और वह ‘पॉलिटिकल मास्टर’, जिसके बारे में जाँच एजेंसियाँ लगातार कहती रही है, तो जाँच एजेंसियों का इशारा किस तरफ है, यह पता चल रहा है।