समदर्शी न्यूज़ जशपुर, 29 सितंबर / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। इसी कढ़ी में जिला चिकित्सालय जशपुर में 24 मरीजों का मोतियाबिंद का सफल आपरेशन किया गया। जिला अस्पताल के डाक्टरों की टीम और नेत्र विशेषज्ञ डॉ. मधुरिमा ने मोतियाबिंद का सफल आपरेशन किया। जशपुर जिले ने मानवता की सेवा का एक अद्भुत उदाहरण पेश किया है। मरीजों के सफल ऑपरेशन ने न केवल उनके जीवन में रोशनी वापस लाई है, बल्कि पूरे क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाई है।
क्या है मोतियाबिंद?
मोतियाबिंद एक ऐसी आंख की बीमारी है जिसमें आंख के लेंस में धुंधलापन आ जाता है। यह धुंधलापन धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और दृष्टि को प्रभावित करता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ मधुमेह, चोट या कुछ अन्य बीमारियों के कारण भी मोतियाबिंद हो सकता है। अन्य कारणों में आनुवंशिकी, चोट, या कुछ बीमारियां भी शामिल हो सकती हैं।
मोतियाबिंद के लक्षण:
• धुंधली दृष्टि
• रात में देखने में कठिनाई
• रंगों में फीकापन
• तेज रोशनी में परेशानी
• डबल विजन
• बार-बार चश्मे का नंबर बदलना
मोतियाबिंद का इलाज:
मोतियाबिंद का सबसे प्रभावी इलाज सर्जरी है। इस सर्जरी में धुंधले लेंस को हटाकर उसकी जगह एक कृत्रिम लेंस लगा दिया जाता है। यह सर्जरी आमतौर पर बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी होती है।
जशपुर में क्यों है यह अभियान महत्वपूर्ण?
जशपुर जैसे दूरदराज के इलाकों में अक्सर स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी होती है। ऐसे में मोतियाबिंद के मरीजों के लिए इलाज करवाना एक बड़ी चुनौती होती है। इस अभियान के माध्यम से जिले के लोगों को उनके घर के नजदीक ही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलीं।
अभियान की सफलता के पीछे कारण
• सरकारी पहल: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार इस अभियान को प्राथमिकता दी गई।
• चिकित्सा टीम की कुशलता: जिला अस्पताल के डॉक्टरों और नेत्र विशेषज्ञों की टीम ने बेहद कुशलता से ऑपरेशन किए।
• आधुनिक सुविधाएं: अस्पताल में उपलब्ध आधुनिक उपकरणों ने ऑपरेशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
• जागरूकता अभियान: स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को मोतियाबिंद के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें ऑपरेशन के लिए प्रेरित किया गया।
मरीजों के लिए क्या बदलाव आया?
• नई जिंदगी: मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों को एक नई जिंदगी मिल गई है। वे अब आसानी से पढ़ सकते हैं, लिख सकते हैं और अपने परिवार के सदस्यों के साथ समय बिता सकते हैं।
• आत्मविश्वास में वृद्धि: इस ऑपरेशन से मरीजों का आत्मविश्वास बढ़ा है। वे अब पहले की तरह स्वतंत्र रूप से अपने काम कर सकते हैं।
• समाज में योगदान: स्वस्थ दृष्टि के साथ मरीज अब समाज में अधिक सक्रिय रूप से योगदान दे पाएंगे।
आगे का रास्ता
इस अभियान की सफलता से प्रेरित होकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे और भी कई अभियान चलाने का फैसला किया है। आने वाले समय में और भी अधिक लोगों को मोतियाबिंद से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
जशपुर में आयोजित मोतियाबिंद निवारण अभियान एक सफल मिसाल है। यह दिखाता है कि सरकार, चिकित्सा क्षेत्र और आम जनता मिलकर कैसे किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं। इस अभियान से न केवल मरीजों का जीवन बदला है बल्कि यह एक मजबूत संदेश देता है कि स्वास्थ्य के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।