साईबर जन जागरूकता पखवाड़ा : जशपुर पुलिस एवं साईबर सेल की टीम ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं एवं सामुदायिक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित कर चलाया साइबर जागरूकता कार्यक्रम.

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समदर्शी न्यूज़ जशपुर, 8 अक्टूबर / पुलिस मुख्यालय रायपुर के दिशा निर्देशों के अनुरूप पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री अनिल कुमार सोनी के मार्गदर्शन में जिले में साईबर जन जागरूकता पखवाड़ा 5 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पुलिस टीम द्वारा जिले के विभिन्न शैक्षणिक संस्था, हॉस्टल एवं सामुदायिक जगहों पर जाकर कार्यक्रम आयोजित कर जागरूक किया जा रहा है।

साइबर अपराधी लगातार नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। एक समय था जब ओटीपी से ठगी की शिकायतें ज्यादा आती थीं, लेकिन अब “डिजिटल अरेस्ट”, सेक्सटार्सन और शेयर मार्केट ट्रेडिंग जैसे जटिल तरीकों से अपराधी लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। खास कर पढ़े-लिखे लोग इन धोखा-धड़ियों का शिकार बन रहे हैं। उन्होंने महिलाओं को फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स की सुरक्षा के लिए प्राइवेसी सेटिंग्स को ऑन करने और टू-स्टेप वेरिफिकेशन का उपयोग करने की सलाह दी। मौके पर टू-स्टेप वेरिफिकेशन का डेमो भी दिया गया। अनजान व्यक्तियों को बैंक से संबंधित जानकारी, जैसे एटीएम पिन, सीवीसी नंबर, ओटीपी या पासवर्ड कभी साझा न करें। फेसबुक पर किसी मित्र द्वारा पैसों की मांग करने पर जल्दबाजी न करें और पहले उसकी सत्यता जांच लें।

नीचे उल्लेखित महत्वपूर्ण और आवश्यक सावधानी है। अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए इस प्रकार की जानकारी को केवल विश्वसनीय और आधिकारिक स्रोतों के साथ ही साझा करना चाहिए –

आधार कार्ड में हमारी व्यक्तिगत जानकारी होती है, जैसे नाम, पता, जन्मतिथि आदि। अगर यह जानकारी गलत हाथों में जाती है, तो इसका दुरुपयोग आपकी पहचान चोरी या वित्तीय धोखाधड़ी के लिए किया जा सकता है।

पैन कार्ड नंबर आपकी कर (टैक्स) संबंधित जानकारी से जुड़ा होता है। इसे साझा करने से कोई भी व्यक्ति आपकी वित्तीय गतिविधियों का गलत फायदा उठा सकता है, जैसे आपके नाम से फर्जी बैंक खाता खोल सकता है या गलत टैक्स दाखिल कर सकता है।

एटीएम कार्ड नंबर आपकी बैंकिंग जानकारी का मुख्य हिस्सा है ,अगर इसे आपने किसी से शेयर किया तो कोई व्यक्ति आपके खाते से पैसे निकाल सकता है या ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर सकता है।

ओटीपी एक अस्थायी पासवर्ड होता है, जो किसी ट्रांजैक्शन या अकाउंट लॉगिन को सत्यापित करने के लिए भेजा जाता है। यह सुविधा आपके खाते से अनाधिकृत लेन देन को रोकने के लिए होता है अगर आप इसे किसी गलत व्यक्ति के साथ साझा करते हैं, तो वे आपकी सहमति के बिना ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।

महिला सेल ने अभिव्यक्ति ऐप के बारे में जानकारी दी, जिससे बालिकायें, महिलाएं अपनी गोपनीय शिकायतें सीधे पुलिस तक पहुंचा सकती हैं। उन्होंने महिलाओं से इस ऐप का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की गई।

सतर्क रहें किसी भी अनजान काॅलर को निजी जानकारी न दें, चाहे वो कितना भी विश्वसनीय लगे। आपकी निजी जानकारी सुरक्षित रखना आपकी जिम्मेदारी है, और इसके लिए सतर्कता और सावधानी जरूरी है।

साइबर अपराध घटित होने की स्थिति में 1930 पर काल करे सेंट्रल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cyber crime.gov.in पर रिपोर्ट करें। सावधान रहें, सुरक्षित रहें। 

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