भाजपा सरकार में दम तोड़ रही है स्वास्थ्य व्यवस्था…इलाज़ के अभाव में जनता बे-मौत मरने पर मजबूर – प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा
October 14, 2024आयुष्मान योजना में नियुक्त किए गए स्वास्थ्य मितानों को पिछले 4 महीनों से वेतन नहीं मिला है, 700 से ज्यादा परिवार इस त्यौहार के समय आर्थिक संकट से जूझने मजबूर हैं.
रायपुर, 14 अक्टूबर / छत्तीसगढ़ में दिनों-दिन बदहाल होती स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 10 महिनों में ही भाजपा की सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। नई व्यवस्था तो दूर, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बने बनाए सिस्टम को भी यथावत संचालित करने में यह सरकार असफल रही है। सुदूर ग्रामीण अंचलों की तो छोड़िए, राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा में ही 350 से ज्यादा मशीने बंद है, सिटी स्कैन, एमआरआई ही नहीं 80 वेंटीलेटर भी खराब हो चुके हैं। मेकाहारा के आईसीयू में पल्स/बीपी मॉनिटर बंद पड़े हैं, प्रेशर इंजेक्टर, डिजिटल एक्स-रे तथा कलर डॉपलर भी मेंटेनेंस के अभाव में कबाड़ हो रहे हैं। जांच, इलाज और दवा के अभाव में लोग भी बे-मौत मरने मजबूर हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि आयुष्मान योजना के नाम पर मोदी सरकार का झूठा यशोगान करने वाले भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार में आयुष्मान कार्ड बनाने का काम कई जिलों में पूरी तरह से बंद हो गया है, नया कार्ड बनवाने के लिए लोग भटक रहे हैं। आयुष्मान योजना के तहत नियुक्त किए गए स्वास्थ्य मितानों को पिछले 4 महीना से वेतन नहीं मिला है, 700 से ज्यादा परिवार इस त्यौहार के समय आर्थिक संकट से जूझने मजबूर हैं और यह सरकार झूठे कागजी दावे करके अपनी पीठ थपथपाने में मस्त।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर दुर्भावना पूर्वक कार्य कर रही हैं। डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना बंद कर दी गई है, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय जो 25 लाख तक मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना संचलित थी, वह भी अघोषित तौर पर बंद है। मोहल्ला क्लीनिक, हाट बाजार क्लिनिक, दाई दीदी क्लिनिक, शहरी स्लम चिकित्सा योजना, हमर अस्पताल जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं साय सरकार की उपेक्षा का शिकार हो चुकी है। विगत 10 महीना के दौरान छत्तीसगढ़ में मलेरिया संक्रमण दर 10 गुना बढ़ चुका है। पीलिया और डायरिया जैसी मौसमी बीमारियों से सैकड़ों लोग मर रहे हैं। सरकार की अर्कमण्यता के चलते 300 करोड़ से अधिक का टेस्ट किट और वैक्सीन बिना उपयोग के ही एक्सपायर हो गए। टीकाकरण के दौरान बिलासपुर और सरगुजा में स्वस्थ शिशुओं की मौत इस बात का प्रमाण है कि वैक्सीनेशन कार्यक्रम में वैक्सीन सप्लाई के दौरान टेंपरेचर मेंटेन करने तक में यह सरकार नाकाम रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार की उदासीनता के चलते सरकारी अस्पताल बदहाल हो चुके हैं। आयुष्मान कार्ड से इलाज करने वाले अस्पतालों का भुगतान रोके जाने से निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड से इलाज करने में हिल-हवाला करने लगे हैं। भुगतान अटकने में से कई छोटे निजी अस्पताल जो आयुष्मान कार्ड के भरोसे थे, उनमें तालाबंदी की नौबत आ गई है। सरकार की बदलती और दुर्भावना के चलते आम जनता छोटी-मोटी बीमारियों में भी इलाज के अभाव में बे-मौत मरने मजबूर है।