पहाड़ के ऊपर बसे गांव गहन्दर में पहुंचा हर घर नल, लोगों को घर में ही मिला रहा पीने का पानी
October 23, 2024पहाड़ी में बसा स्वच्छ और सशक्त गांव जल जीवन मिशन से जुड़ा
गरियाबंद 23 अक्टूबर 2024/ विकासखंड गरियाबंद अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे ग्राम पंचायत बारूका से लगभग 11 कि.मी. जंगली रास्ते से पहाड़ी के ऊपर आश्रित ग्राम गहन्दर बसा हुआ है। पहाड़ी में बसे होने के कारण चट्टानी और पथरीली रास्तों से होकर वहां जाना पड़ता है। वहां पहुंचने के लिए चार पहिया वाहन नहीं जा सकता। इस क्षेत्र में अक्सर हाथी, हिरण एवं कई अन्य जंगली जीव भ्रमण करते पाये जाते हैं। ऐसे दुर्गम स्थल में बसे गांव में भी शासन की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल जल कनेक्शन पहुंच गया है। लोगों के घरों में नल के माध्यम से पीने का पानी मिल रहा है। इससे लोगों को काफी सहूलियत हो रही है। इससे पहले ग्रामीण पानी के लिए मौसमी नाला एवं झरना पर निर्भर रहते थे। कई बार मटमैला पानी को कई परत छानकर उपयोगी बनाकर पीने योग्य बनाते थे। हालांकि प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के लिए कुछ दूरी पर एक हैण्डपंप लगाया गया था। जिससे पानी का उपयोग ग्रामीण करते थे।
विकट प्राकृतिक दशाओं के कारण गहन्दर में विद्युत की सुविधा नहीं पहुंच पाने के कारण जल जीवन मिशन के द्वारा सोलर स्थित नल जल योजना के तहत् हर घर में नल के साथ स्वच्छ जल पहुंचाया जा रहा है। ग्राम में 11 परिवार लगभग निवास करते हैं। यह आश्रित ग्राम में विशेष पिछड़ी कमार जनजाति निवासरत है। इनका मुख्य आय स्त्रोत वनोपज संग्रहण है। यह ग्राम हर घर जल 18 अक्टुबर 2024 को हर घर जल के साथ सरपंच श्री छत्रपाल कुंजाम द्वारा घोषित किया गया है। सरपंच ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि ग्रामीण पहले बहुत तकलीफ से जुझ कर नाला से पानी लाया करते थे। यह परिश्रम उनके रोजाना जीवन का एक हिस्सा बन गया था। शासन प्रशासन द्वारा उठाए गए जनकल्याणकारी कदम से आज गांव में हर घर नल कनेक्शन दिया गया जा चुका है। जिससे लोग लाभांवित हो रहे है। उन्होंने शासन प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि लोगों की समस्याओं को सुलझाने गंभीरता पूर्वक काम किया गया। जिसका लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है। गांव की रहने वाली संत कुमारी एवं जंयती बाई के घर नल लगने के बाद पहले जो सब्जी भाजी के लिए अतिरिक्त मेहनत एवं श्रम कर दूर ग्राम से लेकर आते थे, अब वे बचत पानी का सदुपयोग करते हुए अपने अपने घरों पर ही सब्जी भाजी का उत्पादन कर उपभोग कर रहे हैं। इससे महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य में वृद्धि हुई है। घर पर नल लग जाने के बाद सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है। ग्रामीण बचत जल का उपयोग कर पौष्टिक आहारों का सेवन कर पा रहे हैं। जयती बाई ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताया कि अब उनके पारम्परिक कार्य भी अधिक लगन से कर पा रहे हैं।