चिटफंड घोटाले का स्थाई वारंटी आरोपी राज सिंह विश्वकर्मा जशपुर पुलिस के हाथों हुआ गिरफ्तार… जशपुर और कोरबा न्यायालयों से जारी थे वारंट…प्रस्तुत किया गया न्यायालय में.
October 30, 2024आरोपी के विरूद्ध चेक बाउंस होने के प्रकरण में जशपुर न्यायालय से दो एवं जिला कोरबा के न्यायालय से भी धारा 138 एनआईटी एक्ट के प्रकरण में स्थाई वारंट हुआ है जारी.
स्थाई वारंटी आरोपी राज सिंह विश्वकर्मा उम्र 35 साल निवासी मटासी थाना नारायणपुर. साईंप्रसाद चिटफंड कंपनी, विनायक होम्स रियल स्टेट के एजेंट के रूप में कर चुका है कार्य.
आरोपी अपने साथियों के साथ भुनेश्वर में क्रिप्टोकरेंसी कंपनी में लोगों को रकम दुगुना करने का लालच देकर लगभग 04 लाख रूपये की ठगी किया है.
जशपुर/कुनकुरी, 30 अक्टूबर / प्रकरण के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार है कि स्थाई वारंटी राज सिंह विश्वकर्मा द्वारा वर्ष 2010 से 2015 तक साईं प्रसाद चिटफंड कंपनी में काम करता था, 05 वर्ष में करीब इसके नीचे चैनल में करीब 500 व्यक्ति थे, इसके द्वारा जोड़े गये व्यक्तियों से प्राप्त पैसा को आरोपी एजेंट के रूप में प्राप्त करता था और कंपनी में जमा करता था। इस कंपनी का मुख्य संचालक बालासाहब भापकर और वंदना भापकर थे जो वर्तमान में जेल में निरूद्ध हैं।
वर्ष 2015-16 में आरोपी राज सिंह विश्वकर्मा पुनः विनायक होम्स रियल स्टेट चिटफंड में कार्य करने लगा, इसमें भी इसके चैनल में लगभग 500 लोग जुडे़ थे, इसके संचालक जितेन्द्र विसे, जोगेन्द्र विसे थे, उनका यह एजेंट के रूप में कार्य किया है।
वर्ष 2018-2019 में भुनेश्वर (ओड़िसा) की एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी में करता था, जिसका संचालक विश्वास साहब था, जिसमें यह टीम के अन्य सहयोगियों से मिलकर लोगों से पैसा प्राप्त कर उस पैसा को दोगुना करने का लालच देकर डॉलर में भंजाने का विश्वास दिलाकर सदस्य बनाते थे, इन लोगों के द्वारा करीब 04 लाख रूपये ठगी करना बताया है, कुछ दिनों के बाद यह कंपनी बंद हो गया बताया।
इसके द्वारा पूर्व में गांव की एक महिला को चेक 50,000/- रूपये का एवं एक दूसरा चेक 25,000/- रूपये का दिया था, जो चेक बाउंस होने पर उक्त महिला के द्वारा जशपुर न्यायालय में केस करने पर दो केस अलग-अलग धारा 138 एनआईटी का स्थाई वारंट जारी होने पर उक्त आरोपी के दिनांक 29 अक्टूबर 2024 को घर में आने की सूचना प्राप्त होने पर दबिश देकर अभिरक्षा में लेकर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। इस प्रकरण की कार्यवाही में थाना प्रभारी नारायणपुर उपनिरीक्षक सतीश सोनवानी, आरक्षक प्रदीप भगत, आरक्षक यागेश भगत, महिला आरक्षक अर्चना तिग्गा, सैनिक विरेन्द्र भगत इत्यादि का योगदान रहा है।