रोज हत्याएं हो रही, गोलियां चल रही, रायपुर में यह क्या हो रहा है मुख्यमंत्री जी – सुशील आनंद शुक्ला
November 4, 2024राजधानी में चार दिन में 9 हत्याओं से आम आदमी डरा सहमा
घटनाओं पर चिंता व्यक्त करने के बजाय भाजपा अध्यक्ष सरकार की नाकामी पर ताली बजा रहे
रायपुर/04 नवंबर 2024/ राजधानी में सरेआम गोलीबारी और रोज हो रही हत्याओं से आम आदमी डरा सहमा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रोज हत्याएं हो रही, गोलियां चल रही, रायपुर में यह क्या हो रहा है मुख्यमंत्री जी। चार दिन में 9 हत्या, जेल के बाहर सरेआम गोलीबारी कब जागेगी सरकार? अपराधियों के हौसले बुलंद है कि प्रदेश के सबसे संवेदनशील माने जाने वाले सेंट्रल जेल के बाहर दिन दहाड़े एक व्यक्ति को गोली मार दी गयी। अपराधिक तत्व इतने बेखौफ हो गये है कि उनमें पुलिस का भय जरा भी नहीं बचा है। कल ही राजधानी में भाजयुमो के नेता, उसके साथी को चाकू मारकर लूट लिया गया। प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है राजधानी में सरेआम गोलीबारी की पांचवी घटना हुई है। सरकार की नाकामी और पुलिस की लापरवाही का परिणाम है कि प्रदेश की राजधानी असुरक्षित हो चुकी है। दीपावली के दौरान चार दिनों में राजधानी में 9 हत्या हुई, प्रदेश के लगभग सभी शहरों में रोज ही हत्याएं हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सत्ता रूढ़ दल के जिम्मेदार पदो पर बैठे हुये लोग भी खराब कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित होने के बजाय सिर्फ सत्ता की मलाई चाटने में व्यस्त है। राजधानी में जेल के सामने जब गोली चल रही थी ठीक उसी समय प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बिगड़ती कानून व्यवस्था पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार का बचाव कर रहे थे, कांग्रेस को कोस रहे थे। बेहद आपत्तिजनक है कि रोज हो रही आपराधिक घटनाओं पर चिंता व्यक्त करने सरकार और पुलिस को ताकीद करने के बजाय भाजपा अध्यक्ष सरकार की विफलता पर ताली बजा रहे है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश की रोज-रोज घट रही आपराधिक घटनाओं उन घटनाओं के बाद जनता की प्रतिक्रिया यह बताने के लिये पर्याप्त है। प्रदेश में अराजकता का माहौल है। जनता का सरकार पर से, पुलिस पर से भरोसा उठ गया है। विपक्ष के रूप में हमने सबसे ज्यादा सवाल कानून व्यवस्था को लेकर सदन से सड़क तक उठाया है, लेकिन सरकार है कि उसकी नींद नहीं टूट रही। विधानसभा घेराव किया, विधानसभा में सवाल उठाया, मुख्यमंत्री निवास घेरा, दर्जनों बार विरोध प्रदर्शन किया, पदयात्रा किया, लेकिन सरकार न जनता की आवाज सुन रही, न ही विपक्ष की आवाज।