नाम आरोपी मनमोहन सिंह पिता स्व. सुख्खुराम उम्र 46 वर्ष निवासी न्यु चंदनियापारा वार्ड क्रमांक 08 जांजगीर थाना जांजगीर जिला जांजगीर-चांपा के विरूद्ध धारा 420 भादवि के अंतर्गत की गई कार्यवाही.
जांजगीर-चाम्पा, 7 नवंबर / प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थीया सुलोचना बंजारे निवासी डुग्गुपारा बालको थाना बालको जिला कोरबा द्वारा वर्ष 2019 में छ.ग. शिक्षाकर्मी एवं प्रयोगशाला सहायक पद की भर्ती हेतु बैंकेसी निकला था, जिसमें फार्म भरी थी। प्रार्थिया का उसके रिश्तेदार के माध्यम से आरोपी से जान पहचान होने पर आरोपी से नौकरी लगाने की बात की तो आरोपी द्वारा बताया गया था कि नौकरी लग जायेगा, जिसमें 05-06 लाख रुपये लगेगा बताया और एंडवांस रकम के लिये अपने घर जांजगीर बुलाया तब प्रार्थिया के पति एवं उसके चाचा दिनांक 14 अक्टूबर 2019 को न्यू चंदनिया पारा जांजगीर आरोपी मनमोहन सिंह के घर आये थे।
उनसे बातचीत करने पर उनके द्वारा बोला गया कि रिजल्ट आने वाला है, जल्दी रकम दोगे तो तुम्हारा नाम लिस्ट में आ जायेगा बोला और एडवांस रकम मांगा तो नगदी 1,50,000/-रुपये उसको दिये, उसी दिन ही नेहरू नगर बालको निवासी कृष्णा कश्यप भी नौकरी लगाने के नाम पर आरोपी को 1,50,000/-रुपये दिया था। दिनांक 15 अक्टूबर 2019 को वैकेंसी का रिजल्ट आया तो पता चला कि रिजल्ट में नम्बर कम आया था, तब प्रार्थिया को धोखाधड़ी का अहसास हो गया कि उसका नौकरी नहीं लग पायेगा, तब प्रार्थिया द्वारा वापस पैसा को मांग करने पर आरोपी द्वारा टाल मटोल किया जा रहा है। जिसकी रिपोर्ट पर आरोपी के विरूद्ध थाना जांजगीर में मूल अपराध क्रमांक 854/24 धारा 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
धोखाधड़ी जैसे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए श्री विवेक शुक्ला पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चाम्पा के निर्देशन में आरोपी मनमोहन सिंह को उसके सकुनत से घेराबंदी कर पकड़ा गया। जिसको धोखाधड़ी करने के सबंध में पूछताछ कर मेमोरेण्डम कथन लिया गया, जिसमें नौकरी लगाने के नाम पर रकम लेकर धोखाधड़ी करना, कुछ रुपए फोन पर के माध्यम से लौटाना, जुर्म स्वीकार किये जाने से विधिवत् गिरफ्तार कर दिनांक 06 नवंबर 2024 को न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है।
इस प्रकरण की कार्यवाही में निरीक्षक प्रवीण कुमार द्विवेदी थाना प्रभारी जांजगीर एवं प्रधान आरक्षक राजकुमार चंद्रा, आरक्षक दिलीप सिह, आरक्षक वीरेंद्र भैना का सराहनीय योगदान रहा है ।