धान खरीदी के लिए 46 उपार्जन केंद्र हुए तैयार : जिले के पचास हजार से अधिक किसान विक्रय करेंगे धान…..14 नवंबर से 31 जनवरी तक होगा धान उपार्जन.
November 14, 2024उपार्जन केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक तौल यंत्र एवं अन्य उपकरणों की हुई विधिवत पूजा.
अंगूठे के निशान के साथ पंजीकृत किसान कर सकेंगे धान विक्रय.
जशपुर. खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए गुरुवार से धान खरीदी का कार्य शुरू हो गया। इसके लिए जशपुर जिले के 46 उपार्जन केंद्रों में सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। इस बार जिले के 50 हजार से अधिक किसान समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय करेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिले के सभी खरीदी केंद्रों में किसानों के लिए सभी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, ताकि किसी भी किसान को धान बेचने में परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही धान खरीदी के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने कड़ी निगरानी भी रखी जा रही है।
कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देशानुसार सभी उपार्जन केन्द्रों में साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, बायोमेट्रिक डिवाईस, डनेज, इलेक्ट्रॉनिक तौल यंत्र, बारदाने, आर्द्रता मापक यंत्र सहित सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। गुरुवार को सभी उपार्जन केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक तौल यंत्र एवं अन्य उपकरणों की विधिवत पूजा भी की गई।
उल्लेखनीय है कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान राज्य के किसानों से धान की खरीदी 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक की जाएगी। धान खरीदी के लिए जिले में 46 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। जिनमें जिले के 50 हजार 953 किसान अपना धान बेचेंगे। वर्ष 2023-24 की तुलना में इस वर्ष पंजीकृत किसानों की संख्या में 06 हजार 162 की वृद्धि हुई है एवं नवीन रूप से 10 हजार 350 हेक्टेयर रकबे का पंजीयन हुआ है। इस वर्ष धान खरीदी की अधिकतम सीमा 21 क्विंटल प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। समितियों द्वारा सोमवार से शुक्रवार तक शासकीय अवकाश दिवस को छोड़कर धान खरीदी की जाएगी।
शासन द्वारा धान खरीदी कार्य में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बायोमेट्रिक आधारित खाद्यान्न उपार्जन प्रक्रिया लागू की गई है। जिसके अंतर्गत प्रदेश में खरीफ वर्ष 2024-25 में भी गत वर्ष के अनुसार बायोमेट्रिक आधारित धान खरीदी व्यवस्था लागू रहेगी। बायोमेट्रिक आधारित धान खरीदी हेतु किसान स्वयं या उसके द्वारा नामांकित एक नामिनी खरीदी केन्द्र में उपस्थित होकर अंगूठे के निशान के आधार पर धान विक्रय कर सकेंगे। धान की खरीदी इलेक्ट्रॉनिक तौल यंत्र से माप एवं आर्द्रतामापी यंत्र के माध्यम से धान की नमी की जांच के साथ की जाएगी।
किसानों हेतु धान विक्रय के लिए शासन द्वारा ऑनलाईन टोकन की व्यवस्था की गई है। जिससे किसान अपने घर पर ही मोबाईल एप्प ‘टोकन तुंहर हाथ’ के माध्यम से टोकन प्राप्त कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा 3100/- रूपये समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के निर्णय से किसानों में इस वर्ष खासा उत्साह देखने को मिल रहा है, जो पंजीकृत रकबे में वृद्धि के माध्यम से परिलक्षित होता है।