वनोपजों का मिल रहा बेहतर दाम, संग्राहक परिवारों को मिला आर्थिक संबल

January 21, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायगढ़, राज्य सरकार द्वारा वनांचल में रहने वाले लोगों को आत्मनिर्भर कर आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए शासन द्वारा वन धन योजना के माध्यम से वनोपज संग्रहण को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके तहत सरकार वनोपज उत्पादों का दायरा बढ़ा कर उनका न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रहा है। जिससे वन्य उत्पादों पर निर्भर रहने वाले लोगों को वनोपज का उचित मूल्य मिलने से आर्थिक संबल मिल रहा है।

वन विभाग वनमण्डल धरमजयगढ़ जिला यूनियन धरमजयगढ़ अंतर्गत वनांचल में रहने वाले लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये वन धन योजना अंतर्गत लघु वनोपज खरीदी वर्ष 2021 के कोरोना काल में संपादित किया गया। जिससे ग्रामीणो द्वारा वन से सालबीज वनोपज संग्रहण कर प्राथमिक वनोपज समिति को स्व-सहायता समूह के माध्यम से बिक्री कर सीधे लाभ प्राप्त किया गया।

वन मण्डल धरमजयगढ़ अंतर्गत वर्ष 2021 में कुल 33 प्राथमिक वनोपज समिति के द्वारा 72 स्व-सहायता समूह के माध्यम से वन धन योजना अंतर्गत कुल 13012.62 क्ंिवटल सालबीज का संग्रहण किया गया है। जिसका शासन द्वारा निर्धारित न्यनूतम समर्थन मूल्य 20 रुपये प्रति कि.ग्रा. के दर से कुल 2 करोड़ 60 लाख 25 हजार 240 रूपये का अतिरिक्त आय हुआ है, इसके अतिरिक्त संग्रहण कार्य में जुड़े महिला स्व-सहायता समूहों का कमीशन के रूप में कुल 3 लाख 12 हजार 303 रूपये का भुगतान किया गया, इस प्रकार कुल 2 करोड़ 63 लाख 37 हजार 543 रूपये संग्राहकों एवं स्व-सहायता समूहों को प्रदाय किया गया। जिससे कुल 01 लाख 38 हजार 619 मानव दिवस रोजगार सृजित हुआ। इस प्रकार वनधन योजना से सालबीज संग्रहण से प्राप्त अतिरिक्त राशि का उपयोग उनके द्वारा अपने आश्रित परिवार के आर्थिक स्थिति सुधार करने में किया गया।

तेन्दूपत्ता संग्रहण से 28 करोड़ 6 लाख रूपए से अधिक हुआ रोजगार सृजन

धरमजयगढ़ वनमण्डल अंतर्गत वर्ष 2021 में 59 प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति अंतर्गत 326 फड़ का तेन्दूपत्ता संग्रहण लक्ष्य 82 हजार 500 मानक बोरा के विरूद्ध 70157.215 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया जिसका शासन द्वारा निर्धारित दर 4 हजार रूपये से 50 हजार 952 हितग्राहियों को 28 करोड़ 6 लाख 28 हजार 860 रूपये का रोजगार सृृजन हुआ। तेन्दूपत्ता संग्रहण से कुल 14 लाख 93 हजार 610 मानव दिवस रोजगार उपलब्ध हुआ। जिससे वहां रहने वाले लोगों को आर्थिक रूप से लाभ मिलने के साथ ही उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।