जशपुर जिले में सुराजी ग्राम योजना ग्रामीण महिलाओं के सपने को कर रही है साकार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था हो रही मजबूत, महिलाओं को भी मिल रहा रोजागर

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संगम समूह की महिलाएं मुर्गी पालन, वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन एवं साग-सब्जी से लगभग 35 हजार की आमदनी अर्जित कर ली

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

जशपुर. सुराजी ग्राम योजना के तहत जिले के गोठानों को मॉडल गोठान बनाया जा रहा है। कुनकुरी विकासखंड के गोठान फरसाकानी में समूह की महिलाएं मुर्गी पालन के साथ अच्छी गुणवत्तायुक्त वर्मी कम्पोस्ट खाद का भी निर्माण कर रही है ताकि किसानों को सोसायटी के माध्यम से खाद उपलब्ध कराया जा सके। जिला प्रशासन ने वर्ष 2020-21 में मुर्गी शेड निर्माण हेतु फरसाकानी गोठान के लिए 2 लाख 20 हजार की राशि स्वीकृति दी गई है। मुर्गी शेड निर्माण होने से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आजीविकास संवर्धन के कार्य करने में आसानी हो रही है। सुराजी ग्राम योजना छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य गांव की अर्थव्यवस्था में सुधार लाना है। कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल के दिशा निर्देश में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जिले की स्व-सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर विभिन्न रोजगार मूलक कार्याें से जोड़ा गया है।

कुनकुरी विकासखंड के फरसाकानी गोठान के संगम स्व-सहायता समूह की दीदीयों को पशुपालन विभगा के द्वारा 5 यूनिट चूजा उपलब्ध कराया गया है। जिसकी देखभाल दीदीयों द्वारा अच्छे से किया जा रहा है। मुर्गी पालन से समूह की महिलाओं को आर्थिक लाभ भी हो रहा है। महिलाओं द्वारा 300 से 350 रुपए में मुर्गी का विक्रय करके माह में 6 हजार तक लाभ ले रही है। मुर्गी पालन के साथ महिलाओं के द्वारा खरगोश पालन भी किया गया है। 12 नग खरगोश उपलब्ध कराय गया है। गोठान की देखरेख के लिए समूह ने चौकीदार भी रखा है। ताकि गोठान की अच्छी से पहरेदारी की जा सके।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के.एस.मण्डावी ने बताया कि स्व-सहायता समूह की महिलाओं को सामुदायिक बाड़ी भी उपलब्ध कराया गया है। जहां महिलाएं मल्टीएक्टिवीटी के तहत गोठान की उपलब्ध भूमि में लगभग 01 एकड़ में साग-सब्जी लगाया गया है। संगम स्व-सहायता समूह की दीदीयों द्वारा बाड़ी में मूंगफली, आलू, भिन्डी, बरबट्टी लगाया गया है। दीदीयों की मेहनत से उनकी फसल अच्छी हो रही है। और स्थानीय बाजार में विक्रय करने से उनकों  लगभग 7 हजार का मुनाफा भी हो गया है। सामुदायिक बाड़ी में समूह के द्वारा विभिन्न प्रकार के फलदार पौधे भी लगाए गए है। गोठान में 25 किलो अदरक भी लगाया गया है। 25 किलो खुदाई शेष है।  महिलाओं ने बताया कि 30 क्विंटल होने की संभावना है।

समूह की महिलाओं द्वारा गोधन न्याय योजना के अंतर्गत फरसाकानी गोठान में गोबर खरीदी भी की जा रही है। अब तक 33 टन गोबर खरीदी की गई है। और 195 क्विंटल खाद का बनाया गया है। समूह की महिलाआंे ने उद्यान विभाग को 60 क्विंटल एवं वन विभाग को 80 क्विंटल व स्थानीय कृषकों को 50 क्विंटल वर्मी खाद विक्रय किया गया है। जिससे समूह को 19 हजार 500 रुपए का लाभ प्राप्त हुआ है। समूह की दीदीयों ने जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज उनके सहयोग से गोठान को आजीविका केन्द्र के रूप में बनाकर महिलाओंको विभिन्न गतिविधियां कराई जा रही है। जिसके परिणाम स्वरूप गांव की महिलाओं को रोजगार मिला है और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन गई है। साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है  और महिलाओं के आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि संगम समूह की दीदीयों के उत्साह और कार्य को देखकर अन्य समूह की दीदीयों में उत्साह की भावना जागृत हो रही है और समूह से जुड़ते जा रही है।

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