भाजपा सरकार ने ओबीसी आरक्षण में षड़यंत्रपूर्वक कटौती की, कांग्रेस ने उठाया सवाल : सुरेंद्र वर्मा का आरोप – ओबीसी वर्ग को जानबूझकर नुकसान पहुँचाया गया
December 26, 2024रायपुर/26 दिसंबर 2024। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि नगरीय निकायों के चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया के बाद जो स्थिति सामने आई है, वह बेहद दुर्भाग्यजनक है। छत्तीसगढ़ में बहुसंख्यक आबादी पिछड़ा वर्ग की है लेकिन साय सरकार पिछड़ा वर्ग के साथ ही अन्याय कर रही है। आरक्षण नियमों में बदलाव करते वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा था कि पिछड़ा वर्ग की जहां जनसंख्या ज्यादा है वहां पंचायत और नगरीय निकाय क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग को लाभ दिया जाएगा, लेकिन भाजपा सरकार ने जो नए नियम तय करके राजपत्र में प्रकाशित कर प्रक्रिया तय किया है उसमें ओबीसी वर्ग को अलग से कोई आरक्षण का लाभ देने का उल्लेख नहीं है। ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत एवं नगरीय निकायों में अनुसूचित जातियों व जनजातियों के लिए 50 या उससे अधिक स्थान आरक्षित हो वहां पर पिछड़ा वर्ग के लिए स्थान आरक्षित नहीं करने का स्पष्ट उल्लेख है। पूर्व में कांग्रेस की सरकार के द्वारा अनुसूचीत क्षेत्रों में भी पिछड़ा वर्ग के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित थी, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा, जिसके चलते अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को नुकसान हो रहा है। भाजपा सरकार ओबीसी विरोधी है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि स्थानीय निकायों में जो आरक्षण की प्रक्रिया तय की गई है वह भेदभावपूर्ण है, अनुचित है, आधारहीन है। एक तरफ दूसरे वर्ग के आरक्षण प्रक्रिया को 2011 की जनगणना को आधार बनाकर किया गया है, वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण की प्रक्रिया 2024 की पिछड़ा वर्ग आयोग के गणना के आधार पर किया गया है अर्थात दोहरी नीति अपनाई गई है। पिछड़ा वर्ग आयोग के अनुशंसा को भी दरकिनार कर दिया गया है। बेहद स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी को ओबीसी वर्ग से कितनी हिकारत है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है सरकार के दुर्भावना पूर्वक नीतियों के चलते हैं ओबीसी वर्ग को उनके हक के अनुरूप आरक्षण के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। कांकेर नगर पालिका में पिछड़ा वर्ग को पार्षद पद में सिर्फ चार सीटे ही मिली है, पिछले बार यह संख्या पांच थी। इसी तरह अंतागढ़ नगर पंचायत में पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं हुई है, यही हाल बस्तर और सरगुजा संभाग में लगभग सभी जगह है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने आरक्षण की नीति में छेड़छाड़ करके पिछड़ा वर्ग को इरादातन नुकसान पहुंचाया है।