बिलासपुर पुलिस की सतर्कता : बिलासपुर पुलिस ने रायपुर से आईटी एक्ट के फरार आरोपी को किया गिरफ्तार.
December 30, 2024थाना-बिल्हा, जिला-बिलासपुर (छ.ग.) में अपराध क्रमांक – 216/2024, धारा – 67 आईटी एक्ट, 507 भादवि दर्ज.
पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह (भापुसे) के नेतृत्व व निर्देशानुसार रायपुर से पकड़ा गया आदतन आरोपी.
आरोपी – संदीप आहुजा उर्फ जीवनदीप सिंह पिता संतोष आहुजा उम्र 52 वर्ष साकिन पदमानाभपुर दुर्ग जिला दुर्ग छ.ग.
बिलासपुर : प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार है कि पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के द्वारा आईटी एक्ट के फरार आरोपियों की पतासाजी कर त्वरित गिरफ्तारी करने हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री अनुज कुमार एवं सीएसपी चकरभाठा श्री डी.आर. टण्डन को निर्देशित किया गया था। जिसके तारतम्य में थाना बिल्हा में टीम बनाकर फरार आरोपी का रायपुर में पता चलने से थाना बिल्हा से टीम रवाना किया गया था, जिसमें प्रकरण के आरोपी को रायपुर से गिरफ्तार कर थाना बिल्हा लाया गया। प्रकरण के प्रार्थी सुशील अग्रवाल पिता स्व. किशोर अग्रवाल उम्र 34 वर्ष साकिन वार्ड नं 3 बिल्हा थाना बिल्हा के द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि प्रार्थी के दोस्त सरन साहू जो कि वार्ड नं 14 बिल्हा का निवासी है, जिसके द्वारा मुझे यह कहा गया कि मै दिनांक 15 जून 2024 को संदीप आहूजा नामक व्यक्ति को फोन पे के माध्यम से 10000/- रुपये दिया था, जो पैसा वापस नहीं करने पर मुझे दिनांक 27 जून 2024 को बताया, तब मेरे द्वारा संदीप आहूजा उर्फ जीवनदीप सिंह के मोबाइल नंबर 9244147820 पर काल किया गया, जिस पर उसके द्वारा कहा गया कि मैं एक घंटे में थाना पहुंच कर पैसा देता हूँ।
एक घंटा बाद जब मेरे द्वारा काल किया गया तो मोबाइल बंद बताया गया, फिर दिनांक 28 जून 2024 को लगभग दोपहर 02:00 बजे वाट्सअप मैसेज कर अश्लील गंदे शब्दों का प्रयोग किया गया। जिसके बाद मेरे द्वारा उसे ब्लाक कर दिया गया। दिनांक 29 जून 2024 को दोपहर 02:00 बजे ट्रू-कालर पर मैसेज कर अश्लील गंदी-गंदी मां की गाली-गलौच किया है। उसके द्वारा किया गया गाली-गलौच से मुझे बहुत बुरा लगा है। उसके द्वारा सरन साहू को दिये गये विजिटिंग कार्ड में दिये गये मोबाइल नंबर 9993047820 एवं विजिंटिंग कार्ड को दिखा कर लोगों से जानकारी लेने पर यह पता चला कि उसका वास्तविक नाम जीवनदीप सिंह है। आरोपी की गिरफ्तारी टीम में उपनिरीक्षक जी.एल. चन्द्रकार, प्रधान आरक्षक बलराम विश्वकर्मा, आरक्षक गोवर्धन शर्मा, आरक्षक ज्वाला सिंह का विशेष योगदान रहा है।