जशपुर : रेशम विभाग की कोसा पालन योजना से टांगरगांव के किसान बने आत्मनिर्भर: वार्षिक आय 1.50 लाख प्रति किसान, पलायन में 75% की कमी, बच्चों को मिल रही बेहतर शिक्षा
January 9, 2025टांगरगांव के परशु राम, राजकुमार, सुभाधर और अगस्तुस ने कोसा पालन को बनाया आय का जरिया
जशपुर 08 जनवरी 2025/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नेतृत्व वाली सरकार में सभी वर्ग और समुदाय के लोगों को रोजगार मिले और उनकी जीवन स्तर में सुधार हो। इस आशय से मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी विभागों को अपने-अपने विभागीय योजनाओं से लोगों को हितग्राही मूलक कार्य देकर रोजगार से जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
इसी कड़ी में रेशम विभाग द्वारा रोजगार की दृष्टि से कोसा पालन हेतु उन्नत नस्ल की स्व.डिमब समूह के किसानों को प्रदाय किया जाता है। जो कि उनके मेहनत के अनुसार उनकी आमदनी को दोगुनी कर रही है। इसके साथ ही किसी भी प्रकार का समस्या होने पर विभाग द्वारा अधिकारी व कर्मचारी स्वयं उपस्थित होकर निराकरण करने का प्रयास करते हैं।
रेशम विभाग द्वारा लोगों के लिए रोजगार का बहुत अच्छा अवसर प्रदान किया जा रहा है। जो मजदूरी के लिए अन्यंत्र राज्य पलायन होते थे अब लगभग उसमें 75 प्रतिशत कमी हुई है। टसर पालन और रेशम धागाकरण से लोगों आर्थिक विकास की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
जिले के रेशम अधिकारी श्री श्याम कुमार द्वारा मिली जानकारी अनुसार जिला मुख्यालय से लगभग 65-70 किलोमीटर दूर कांसाबेल विकासखण्ड के अन्तर्गत ग्राम टांगरगांव में 05 हेक्टर वनभूमि में साजा व अर्जूना का पौधे विभाग द्वारा लगाया गया है जिसमें कोसा कीट पालन कर किसानों के द्वारा अतिरिक्त आय अर्जित किया जा रहा है। इस कार्य को किसानों रूचि से करते हैं और इससे अच्छी आमदनी मिलती है।
रेशम पालन बना जीवन यापन का सबसे बड़ा स्त्रोत
जिले के दूरस्थ अंचल में बसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र वैसे बसे गांव में रेशम विभाग की योजनाओं से लोगों तक उनकी जीवन यापन के लिए रोजगार प्रदान कर आर्थिक विकास करने का सार्थक प्रयास कर रहा है । जो कि विभाग द्वारा चलाया गया योजना मील का पत्थर साबित हो रहा है। जिले के कई ऐसे ग्राम है। जहां रेशम विभाग द्वारा संचालित योजना से कई गरीब परिवार को लाभान्वित किया है ऐसे ही कांसाबेल के अन्तर्गत ग्राम टांगरगांव जो कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है इस क्षेत्र में लगभग 05 हेक्टयर में साजा-अर्जूना पौधे रेशम विभाग द्वारा लगाया गया है जिसमें टांगरगांव ग्राम के ही ग्रामीण परशु राम, राजकुमार, सुभाधर सहित अगस्तुस के साथ 04 लोगों का ग्रुप है जिनके द्वारा पिछले कई वर्षों से कोसा पालन किया जाता है एवं इनके द्वारा अच्छी आमदनी प्राप्त किया जा रहा है। पिछले वर्षाे की भांति इस वर्ष 2024-25 में इनके द्वारा 3000 डीएफएल्स पालन कर लगभग 151080 कोसाफल उत्पादन किया गया। जिसकी आमदनी राशि 05 लाख 20 हजार 680 प्राप्त हुआ। इसी प्रकार इस ग्रुप में प्रत्येक सदस्य को वार्षिक आय लगभग 1.50 लाख तक प्राप्त होता है, तथा इनकी पारिवारिक स्थिति में सुधार हो रही है आय बढ़ने के कारण इनके बच्चे अच्छे स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहें है। तथा इनके द्वारा कोसा पालन के द्वारा प्राप्त आय से पक्का मकान आदि निमार्ण कराया जा रहा है।
परशु राम, राजकुमार, सुभाधर और अगस्तुस ने जानकारी देते हुए बताया कि कोसा पालन योजना से पहले वे अन्य राज्य मजदूरी करने जाया करते थे। जिसमें सिर्फ 30-35 हजार साल भर में बचा पाता था। जिससे परिवार का भरण पोषण कर पाना बहुत कठिनाई हो रही थी। परन्तु जब से रेशम विभाग द्वारा कोसा पालन योजना टांगरगाव में स्थापित किया गया है तब से उन्हें रोजगार हेतु कहीं जाना नहीं पडता है इस कार्य से वे संतुष्ट है तथा अच्छी आय भी अर्जित कर पा रहें है। उन्होंने कहा कि हमारी स्थिति इतनी खराब थी जो कि रेशम विभाग ने रोजगार देकर हमें सुदृढ बनने का अवसर प्रदान किया है। कई सपने थे जो लगभग पूरा हो चुका है एवं आने वाले समय में निश्चित ही बहुत आगे बढ़ेगें, हमारे बच्चे अच्छे कपड़े पहनने के लिए तरसते थे। परन्तु आज के स्थिति में पूरे परिवार अच्छे कपड़े के साथ-साथ हर एक जरूरतों को पूरा कर पाते हैं।