प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पर्वत के सानिध्य में सात दिवसीय महाशिवपुराण कथा सम्पन्न : जशपुर के मधेश्वर पर्वत की ख्याति विदेश तक पहुंची, महाशिवपुराण कथा का हुआ भव्य समापन, पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने दी शुभकामनाएं.

प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पर्वत के सानिध्य में सात दिवसीय महाशिवपुराण कथा सम्पन्न : जशपुर के मधेश्वर पर्वत की ख्याति विदेश तक पहुंची, महाशिवपुराण कथा का हुआ भव्य समापन, पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने दी शुभकामनाएं.

March 27, 2025 Off By Samdarshi News

महाशिवपुराण की कथा 272 देश-विदेश के शिव भक्तों ने भी विभिन्न सोशल मीडिया, चैनल के माध्यम से सुनी.

जशपुर. 27 मार्च 2025 : कुनकुरी मयाली में सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पर्वत के समीप 21 से 27 मार्च तक आयोजित महाशवरात्रि का भव्य समापन किया गया। प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी ने शिव भक्तों को 7 दिन तक कथा का श्रवण कराया और सभी को भव्य आयोजन के लिए अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि महाशिवपुराण कथा का श्रवण करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय भी आए थे, साथ ही पूरे भारत वर्ष के लगभग 272 देशों के लोगों ने विभिन्न सोशल मीडिया, चैनल के माध्यम से कथा को सुना, जशपुर में सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पर्वत की ख्याति भारत देश के साथ देश विदेश तक पहुंच चुकी है और इसका पूरा श्रेय जशपुर वासियों को जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्रीमती कौशल्या साय, राजपरिवार, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, एसएसपी श्री शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिषेक कुमार सहित जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों, पत्रकारों, भोजन, पेयजल की व्यस्था नगर पालिका अधिकारी, कर्मचारियों को और आयोजन समिति के साथ प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी लोगों, जशपुर के शिव भक्तों का हृदय से धन्यवाद दिया कि आपके सहयोग से शिवमहापुराण कथा का आयोजन सफल हो सका.

प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने कथा के सातवें दिन सुबह 8:00 बजे 11:00 बजे तक कथा का श्रवण कराया, उन्होंने कहा कि भोला … कहां… मिलेगा… भोले…एक..एक..कण..कण..में  मिलेंगे भक्तों के हृदय में भोले मिल जाएंगे, बाबा ने मनुष्यों को अपने कर्म से महान बनने का संदेश दिया। इसके लिए भूखे को खाना खिलाओं, प्यासे को पानी पिलावो, पीपल के नीचे चींटियों को आटा खिलाओ,,इस भंडारे के समान ही पुण्य मिलता है। आप भंडारे नहीं कर सकते कोई बात नहीं, जितनी शक्ति उतनी भक्ती, पंडित मिश्रा ने कहा कि अपने छत पर पक्षियों के लिए चारा पानी की व्यवस्था करें, मटका में पानी भरकर रखें, गौमाता को घास रोटी पानी पिलाएं, यह सब कार्य भंडारे से कम नहीं है। जहां जहां अच्छा कार्य वहां भोले जरूर मिलेंगे। शिव भक्तों को भोले बाबा को एक लोटा जल अवश्य चढ़ाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि जो तुम्हें जल चढ़ाने को मना करते हैं तुम उन्हें छोड़ दो, जशपुर के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पर्वत का यह शिव धाम विधी विधान से कलश यात्रा के साथ सात दिन शिव महापुराण कथा से हर हर महादेव से गुंजने लगा है।

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