
लखनपुर थाना की त्वरित कार्यवाही : शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाला आरोपी सरगुजा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में.
March 28, 2025थाना लखनपुर पुलिस टीम द्वारा आरोपी के विरुद्ध की गई सख्त वैधानिक कार्यवाही.
महिला सम्बन्धी अपराधों में पुलिस टीम द्वारा की जा रही लगातार कार्यवाही.
अंबिकापुर. 28 मार्च 2025 : प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली प्रारम्भिक जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार हैं कि प्रार्थिया दिनांक 26 मार्च 2025 को थाना लखनपुर आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि प्रार्थिया का वर्ष 2023 में ग्राम मांजा लखनपुर निवासी रविशंकर प्रजापति से पार्क में घूमने के दौरान जान-पहचान हुआ था, जान-पहचान होने के बाद रविशंकर प्रार्थिया से मोबाईल फोन के जरिये बातचीत करता था तथा बातचीत करने के दौरान आरोपी रविशंकर प्रार्थिया को पसंद करने की बात बोलता था।
दिनांक 05 जनवरी 2024 को रविशंकर प्रजापति प्रार्थिया के गांव घुमने आया और प्रार्थिया को फोन कर बुला कर प्रार्थिया को पसंद करने की बात बोलते हुए शादी करने का झांसा देकर बहला फुसला कर जबरन दुष्कर्म की घटना कारित किया हैं। तब से आरोपी रविशंकर द्वारा प्रार्थिया से लगातार जबरन दुष्कर्म की घटना कारित किया गया हैं।अब प्रार्थिया रविशंकर प्रजापति को शादी करने को बोलती हैं तो शादी करने से इंकार कर रहा हैं। मामले में प्रार्थिया की रिपोर्ट पर थाना लखनपुर में अपराध क्रमांक 72/25 धारा 376 (2) (एन) भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना के दौरान पीड़िता का कथन लेख कर आरोपी का पता तलाश किया जा रहा था, पता तलाश के दौरान पुलिस टीम के सतत प्रयास से प्रकरण के आरोपी रविशंकर प्रजापति को पकड़कर पूछताछ किया गया। आरोपी के द्वारा अपना नाम रविशंकर प्रजापति उर्फ़ नान बाबू आत्मज बालमुकुंद प्रजापति उम्र 20 वर्ष साकिन मांजा थाना लखनपुर का होना बताया गया। आरोपी से घटना के सम्बन्ध में पूछताछ किये जाने पर पीड़िता से जबरन दुष्कर्म की घटना कारित करना स्वीकार किया गया। आरोपी के विरुद्ध अपराध सबूत पाये जाने से गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया हैं।
इस प्रकरण की सम्पूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी लखनपुर प्रशिक्षु आईपीएस श्री मयंक मिश्रा, सहायक उपनिरीक्षक निर्मला कश्यप, प्रधान आरक्षक पीताम्बर सिंह, आरक्षक बन्दे केरकेट्टा, आरक्षक दशरथ राजवाड़े, आरक्षक श्याम सुन्दर, आरक्षक सोहन राजवाड़े सक्रिय रहे।