पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार से देश में होगी महंगाई नियंत्रित – कांग्रेस

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विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद पेट्रोल डीजल के दाम कम करने मजबूर हुई थी मोदी सरकार

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, डेलॉय टच तोहमात्सु इंडिया रिपोर्ट के अनुसार चुनाव के बाद पेट्रोल डीजल के दाम बेहद तेजी से बढ़ने वाले हैं। इसपर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश में महंगाई मोदी प्रायोजित है पेट्रोल डीजल रसोई गैस से लेकर खाद्य सामग्री के बढ़े दामों के पीछे मोदी सरकार की मुनाफाखोरी की नीति ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में को देखते हुए मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी नहीं किया है इससे स्पष्ट हो गया है कि पेट्रोल डीजल के दामों में बढोतरी अंतरराष्ट्रीय बाजार के कारण नहीं बल्कि मोदी प्रायोजित है। देश की जनता को मोदी निर्मित महंगाई से मुक्ति दिलाने की जिम्मेदारी अब उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मणिपुर गोवा और पंजाब के जनता के हाथों में है इन राज्यों के की जनता को मोदी भाजपा के झूठ फरेब जुमलेबाजी और भावनात्मक अपील से परे हटकर देश हित में विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त देनी होगी तब कहीं जाकर देश की जनता को मोदी निर्मित महंगाई से मुक्ति मिलेगी ।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार देश की जनता पर दिन-ब-दिन बेरहम होती जा रही है। चुनाव के बाद पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि की आशंका मोदी सरकार की सत्तालोलुपता और जनविरोधी सोच को दर्शाता है। पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि के कारण जनता का वोट प्रभावित ना हो सिर्फ इसलिए केंद्र सरकार पेट्रोल डीजल की कीमतों को नहीं बढ़ा रही है, अगर देश में चुनाव नहीं होते तो शायद केंद्र सरकार जनता की ओर पलटकर देखती भी नहीं।पहले से ही महंगाई के कारण जनता के बीच हाहाकार मचा हुआ है।देश में हर रोज गरीबों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जनता की आय घट रही है, हर रोज किसी न किसी उपक्रम पर ताला लग रहा है और हर रोज सैकड़ों लोग बेरोजगार हो रहे हैं। ऐसे में फिर से पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था, मध्यमवर्गीय परिवारों और गरीबों की कमर तोड़ देगी। मोदी सरकार की घटिया नीतियों और पूंजीवादी सोच के कारण मूलभूत आवश्यकता की हर चीज की कीमत वर्तमान में आसमान छू रही है।केंद्र कि मोदी सरकार ने अपने संरक्षक पूंजी पतियों की जेब भरने के लिए हर हद को पार कर दिया है।कुछ उद्योगपतियों की उंगलियों पर नाच रही केंद्र की मोदी सरकार को देश की 130 करोड़ जनता से कोई सरोकार नहीं है। मोदी सरकार को ऐसा लगता है कि चंद उद्योगपतियों के दम पर वह फिर से सत्ता प्राप्त कर लेगी मगर जनता का आक्रोश भाजपा की सरकार को ले डूबेगा।

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