विष्णुदेव साय बताये शराबबंदी के लिए गठित कमेटी में भाजपा के विधायक क्यो शामिल नही हुए? – सुशील आनंद शुक्ला

विष्णुदेव साय बताये शराबबंदी के लिए गठित कमेटी में भाजपा के विधायक क्यो शामिल नही हुए? – सुशील आनंद शुक्ला

February 11, 2022 Off By Samdarshi News

विष्णुदेव साय गंगाजल की आड़ लेकर झूठ बोल रहे हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार शराबबंदी के लिए तीन कमेटियां गठित की है

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के बयान को तोड़ मरोड़ कर झूठ अफवाह फैलाने की राजनीति कर रहे हैं जो भाजपा की संस्कृति और संस्कार है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने शराबबंदी को लेकर कहा है कि शराबबंदी के विषय में राज्य सरकार तय करेगी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने शराबबंदी के लिए तीन कमेटिया गठित की है। राजनीतिक कमेटी में भाजपा के विधायकों को भी शामिल होने आमंत्रित किया गया था लेकिन शराब के सरकारीकरण करने वाले भाजपा और उसके विधायक शराबबंदी की कमेटी से शामिल नहीं हुए। इसे स्पष्ट समझ में आता है कि भाजपा शराब बंदी के पक्ष में नहीं है छत्तीसगढ़ के बाहर आंध्रप्रदेश में भाजपा होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से वादा कर रही है कि सत्ता मिलने पर 50 रु. लीटर में शराब उपलब्ध करायेगी। मध्यप्रदेश में शराब की दुकान की संख्या बढ़ाई जा रही, घर-घर में बीयर रखने की छूट दी जा रही है। महिलाओ के अलग से शराब दुकान खोली जा रही है। भारतीय जनता पार्टी का दोमुंहा चरित्र देश ने देख लिया है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार शराबबंदी के लिए गठित कमेटियों की सलाह के अनुसार काम कर रही है। सामाजिक कमेटी की बैठक में समाज प्रमुखों ने निर्णय किया है कि नोटबंदी की तरह शराबबंदी करने से छत्तीसगढ़ में जनहानि होगी। शराबबंदी के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाये धीरे-धीरे शराब बंदी की ओर आगे कदम बढ़ा जाये। सरकार सभी कमेटियों के सलाह के अनुसार शराबबंदी के दिशा में आगे बढ़ रही है। शराबबंदी की दिशा में सरकार ने 70 से अधिक शराब दुकानों को बंद किया है ऐसे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय जिनकी पूर्व सरकार शराब के सरकारी करण के लिए जिम्मेदार हैं वह नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी हो।