सीआईडीसी बोर्ड बैठक में तीन सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर हुई चर्चा, छपरटोला फीडर जलाशय के काम को तेजी से शुरू कराएं : जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में आज नवा रायपुर स्थित महानदी मंत्रालय भवन में सीआईडीसी बोर्ड बैठक हुई। बैठक में अहिरन-खारंग लिंक परियोजना तथा छपराटोला फीडर जलाशय के निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति सहित रेहर अटेम लिंक परियोजना के सर्वेक्षण को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने सीआईडीसी के प्रबंध संचालक को छपराटोला फीडर जलाशय के काम को तेजी से शुरू कराए जाने के लिए प्रशासकीय स्वीकृति सहित अन्य प्रक्रिया को अतिशीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, वन विभाग के प्रमुख सचिव  मनोज पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव जल संसाधन अन्बलगन पी., राजस्व सचिव एन.एन एक्का, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर वितरण कंपनी के चेयरमेन अंकित आनंद, मुख्य अभियंता जल संसाधन आई.के. उइके, सीआईडीसी के प्रबंध संचालक अनिल राय, उप प्रबंध संचालक जयंत पवार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि उक्त तीनों सिंचाई परियोजनाएं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने अधिकारियों को छपराटोला फीडर जलाशय के लिए वित्त विभाग से अनुमोदन प्राप्त कर काम शुरू कराए जाने से निर्देश दिए। मंत्री श्री चौबे ने कहा कि अहिरन-खारंग लिंक परियोजना से खारंग जलाशय में जलापूर्ति और वहां से बिलासपुर शहर एवं रतनपुर कस्बे को पेयजल की आपूर्ति किया जाना है। इसको ध्यान में रखते हुए जल जीवन मिशन के तहत जल के परिवहन, ट्रीटमेंट तथा वितरण हेतु आवश्यक अधोसंरचना एवं ओव्हर हेड टैंक का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल की आपूर्ति के लिए अरिहन-खारंग लिंक परियोजना के काम को कराए जाने की जरूरत है।

मंत्री श्री चौबे ने रेहर अटेम लिंक परियोजना के सर्वेक्षण कार्य के बारे में भी सीआईडीसी और जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि रेहर अटेम परियोजना के सर्वेक्षण का कार्य अंतिम चरण में है। तीन माह के भीतर सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य की उक्त तीनों महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य सीआईडीसी के माध्यम से कराया जाना है। बैठक में जानकारी दी गई कि छपराटोला फीडर जलाशय का निर्माण अरपा नदी पर कोटा तहसील के ग्राम छपरापारा के पास प्रस्तावित है। इसकी लागत लगभग 968 करोड़ रूपए है। छपराटोला फीडर जलाशय का निर्माण का उद्देश्य अरपा नदी का संरक्षण कर ग्रामीणों की आजीविका के साधन बढ़ाने, 22 गांवों में भू-जल संवर्धन तथा पर्यावरण संतुलन को बनाए रखना है।

इसी तरह अहिरन खारंग लिंक परियोजना, पेयजल आधारित परियोजना है, जिसकी लागत 720.52 करोड़ रूपए है। इस परियोजना के अंतर्गत कोरबा जिले के कटघोरा विकासखण्ड के ग्राम पोड़ी गोसाई के समीप अहिरन नदी पर बांध निर्माण कर वहां संग्रहित जल को पाईप लाईन के जरिए खारंग जलाशय में लाया जाएगा। खारंग जलाशय से नगर पालिक निगम बिलासपुर को 31 मिलियन घन मीटर तथा रतनपुर शहर को 1.11 घन मीटर जल की आपूर्ति पेयजल के लिए की जाएगी। रेहर-अटेम लिंक परियोजना के माध्यम से सरगुजा जिले की रेहर नदी को हसदेव नदी से जोड़ा जाना है। सूरजपुर जिले के डेडरी ग्राम के समीप रेहर बैराज निर्माणाधीन है। जहां से पानी चैनल के माध्यम से ग्राम परसापाली के समीप बिछली नाला में छोड़कर झिंक नदी से जोड़ना प्रस्तावित है।

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