जशपुर कलेक्टर की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित

February 23, 2022 Off By Samdarshi News

सीडीपीओ एवं सेक्टर सुपरवाईजर्स को अपने-अपने क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करने के दिए निर्देश

कुपोषित बच्चों, एनिमिक एवं गर्भवती महिलाओं के गृह भेंट कर आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करें

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में विगत दिवस कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए सभी सीडीपीओ, सेक्टर सुपरवाईजर को सक्रिय होकर कार्य करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन, जिले में कुपोषण की स्थिति के संबंध में जानकारी लेते हुए सभी आंगनबाड़ियों को नियमित रूप से संचालित कर हितग्राहियों को लाभांवित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कुपोषण को दूर करना शासन की प्राथमिकता है, इसके लिए सजगता के साथ नियमित मॉनिटरिेंग आवश्यक है। कलेक्टर ने शून्य से छः वर्ष आयु तक के बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य स्थिति में सुधार लाने, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर में कमी लाने कुपोषण दूर करने गर्भवती एवं शिशुवति महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने के निर्देश दिए। साथ ही पूरक पोषण आहार रेडी टू ईट की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए।  कलेक्टर ने सभी सीडीपीओ एवं सेक्टर सुपरवाईजर्स को अपने-अपने क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करने कहा। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों एवं महिलाओं को प्रदाय किए जाने वाले रेडी टू ईट, गुणवत्तायुक्त गर्म भोजन प्रदाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ियों में बच्चों का नियमित रूप से वजन, लंबाई, स्वास्थ्य सहित अन्य जांच होनी चाहिए।  निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों में अनियमितता मिलने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी पर कार्यवाही की जाएगी।

कलेक्टर श्री अग्रवाल ने महिला बाल विकास विभाग के सभी कर्मचारियों को अपने-अपने आंगनबाड़ियों में दर्ज कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी लाने हेतु विशेष प्रयास करने की बात कही। इस हेतु आवश्यक कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने के लिए कहा। उन्होंने विशेष रूप से ऐनिमिक माताओं तथा गंभीर कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए ऐसी माता एवं बच्चों के संबंध में समुचित कार्यवाही करते हुए लाभान्वित करने के निर्देश दिए। जिससे उन्हें कुपोषण चक्र से बाहर निकाला जा सके। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं को कुपोषित बच्चों, एनिमिक एवं गर्भवती महिलाओं के गृह भेंट कर उन्हें पूरक पोषण आहार प्रदान करने, उन्हें सही खानपान की जानकारी देने एवं उनके पालकों को समझाईश देने की बात कही। साथ ही कुपोषित बच्चों का केेन्द्रवार जानकारी एकत्र कर चिन्हांकित करने एवं उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्र भेजने के निर्देश दिए। उन्होंनें व्यवहार परिवर्तन के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु सभी पंचायतों में वालिंटयर्स की नियुक्ति करने एवं उनको आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने की बात कही। सीडीपीओ एवं पर्यवेक्षकों को आंगनबाड़ी केन्द्रों की सतत् निगरानी करनें एवं रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी सेक्टरों में आगामी 10 मार्च तक सेक्टर स्तरीय शिविर का आयोजन करने कहा।

श्री अग्रवाल ने महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षकों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए एन.आर.सी. में बच्चों को भर्ती करने की बात कही। बैठक में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, मुख्यमंत्री अमृत योजना, महतारी जतन योजना, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, किशोरी बालिका, नोनी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, आदि की समीक्षा की। बैठक के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्र संचालन एवं आंगनबाड़ी भवनों की स्थिति के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी लेकर समय पर लक्ष्य पूरा करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री अजय शर्मा सहित सभी सीडीपीओ एवं सेक्टर सुपरवाईजर उपस्थित थे।