छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान : नशे से समाज को बचाने सामूहिक प्रयत्न की जरूरत: श्रीमती भेंड़िया

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समाज कल्याण मंत्री ने नोडल अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण सह कार्यशाला का किया शुभारंभ

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने आज रायपुर के माना कैम्प में भारत माता वाहिनी योजना अंतर्गत छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान के लिए आयोजित नोडल अधिकारियों की प्रशिक्षण सह-कार्यशाला का शुभारंभ किया।

 समाज कल्याण मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि व्यसन शरीर के साथ परिवार और अगली पीढ़ी को भी नुकसान पहुंचाता है। लोगों को नशे से दूर रखने के लिए उनकी पारिवारिक स्थिति और मनः स्थिति को सुधारने के लिए काम करना होगा। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों को नशे से दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी जिलों में तैयार की जा रही भारत वाहिनी और नोडल अधिकारियों को इस दिशा में तेजी से काम करना होगा। जिससे निश्चित ही आने वाले दिनों में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

उल्लेखनीय है कि नशापान करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान (भारत माता वाहिनी योजना) के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत और आश्रित गांव में 8 सदस्यीय समूह भारत माता वाहिनी के रूप में तैयार किया जा रहा है। प्रथम चरण में हर जनपद पंचायत की 10 पंचायतों में 10 वाहिनी के मान से 1400 से अधिक भारत माता वाहिनी तैयार की जा रही है। इनके माध्यम से गांव-गांव में नशे की सामाजिक बुराई के विरूद्ध सकारात्मक वातावरण बनाने का प्रयास किया जाएगा। हर जिले में नशा पीड़ितों के लिए 15 बिस्तरों का नशामुक्ति केन्द्र संचालित करने की योजना है।

श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि नशापान व्यक्तिगत नहीं सामाजिक समस्या है। ज्यादा नशा करने से कई प्रकार की बीमारियां होती है। नशे में मानसिक नियंत्रण न होने से आपराधिक प्रवृत्तियां भी बढ़ती है। इस समस्या से राज्य और देश को बचाने के लिए सभी को सामूहिक रूप से प्रयत्न करना है, इसकी शुरूआत गांवों और पंचायतों से करना होगा।

समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में विषय विशेषज्ञों ने अभियान की सफलता के लिए विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों को मार्गदर्शन देने के साथ योजना के संबंध में विस्तार से बताया। विभागीय उप सचिव श्री राजेश तिवारी ने बताया कि नशा मुक्त समाज बनाने के लिए इसके कारणों की जड़ को ढंूढकर समस्या का समाधान करना होगा। इसके लिए डाटा कलेक्शन, एनालिसिस और उसके आधार पर एक्शन प्लान तैयार करना होगा। पंचायती राज संस्थाओं और भारत माता वाहिनी के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, अवैध शराब रोकना और सामाजिक गतिशीलता को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई नशे के विरूद्ध है, न कि नशापान करने वाले के विरूद्ध। प्रशिक्षण में भारत माता वाहिनी योजना हेतु विभिन्न विभागों और जिलों के नियुक्त नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

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