ग्राम चैतूखपरी की समृद्धि स्वसहायता समूह की महिलाएं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में रच रही नए कीर्तिमान, शासन की सुराजी गांव योजना रंग ला रही

February 26, 2022 Off By Samdarshi News

मसाला पिसाई की मशीन, आटा पिसाई की मशीन, धान कुटाई मशीन, दलहन प्रसंस्करण व पैकेजिंग मशीन से किया जा रहा कार्य

जिला प्रशासन द्वारा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में किया जा रहा हरसंभव कार्य

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, राजनांदगांव

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम चैतूखपरी की समृद्धि स्वसहायता समूह की महिलाएं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में नए कीर्तिमान रच रही हैं। शासन की मंशा के अनुसार चैतूखपरी की स्वसहायता समूह की महिलाएं आजीविका संवर्धन के द्वारा गांव में ही आय प्राप्त कर रही हैं। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में समूह की महिलाओं ने सफलता के नए आयाम स्थापित किये हैं। जिले के सभी विकासखंडों में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा भ्रमण के दौरान खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने तथा इस दिशा में कार्य करने हेतु लगातार निर्देशित कर रहे हैं। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण की गुणवत्ता एवं मूल्य पर विशेष रूप से ध्यान देने कहा है। इसी क्रम में डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत चैतूखपरी की समृद्धि स्वसहायता समूह द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना कर विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का निर्माण कर रही है।

चैतूखपरी में विगत 10 माह से 20 महिलाओं के समूह द्वारा विभिन्न प्रकार के मसालों, तेल तथा दलहन का प्रसंस्करण किया जा रहा है । प्रत्येक सदस्य द्वारा 30 हजार का अंशदान दिया है तथा लगभग दस लाख का लोन लिया गया है। जिससे मसाला पिसाई की मशीन,  आटा पिसाई की मशीन,धान कुटाई मशीन, दलहन प्रसंस्करण व पैकेजिंग मशीन आदि क्रय किया गया है। जिला प्रशासन की ओर  से उन्हें  तेलघानी मशीन भी दिया गया है। इनके द्वारा जैविक धान की कुटाई और पैकेजिंग की जा रही है। मिर्ची, धनिया तथा हल्दी पाउडर का निर्माण किया जा रहा है। तेलघानी मशीन से सरसों, अलसी तथा फल्ली तेल का निर्माण किया जा रहा है । समूह द्वारा अरहर, चना दाल का भी प्रसंस्करण कर पैकेट बनाए जा रहे हैं । अभी तक समूह को लगभग 1 लाख 20 हजार रूपए राशि की आय प्राप्त हो चुकी है। इनके द्वारा निर्मित सामग्रियों को स्कूल, आंगनबाड़ी तथा आश्रम शाला में भी वितरण किया जा रहा है। समूह को वर्तमान में सामुदायिक भवन प्रदाय किया गया है जहां पर उनके द्वारा मशीन स्थापित की गई है, साथ ही जिला प्रशासन द्वारा स्वसहायता समूह की महिलाओं की आजीविका संवर्धन हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति भी दी जा चुकी है। समूह की महिलाओं ने सफलता की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ाये हैं।