प्रदेश में शिशु संरक्षण माह 4 मार्च से, 26.41 लाख बच्चों को विटामिन ‘ए’ और 28.34 लाख को आयरन व फोलिक एसिड की खुराक दी जाएगी

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

प्रदेश में आगामी 4 मार्च से 8 अप्रैल तक शिशु संरक्षण माह का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान 9 माह से 5 वर्ष तक के 26 लाख 41 हजार बच्चों को विटामिन ‘ए’ की खुराक दी जाएगी। साथ ही प्रदेश भर के 6 माह से 5 वर्ष तक के 28 लाख 34 हजार बच्चों को आयरन एवं फॉलिक एसिड सिरप भी वितरित की जाएगी। निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सभी बच्चों तक पहुंचने में मैदानी स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिका महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने सभी माता-पिता से अपील की है कि वे अपने 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार आयरन सिरप तथा 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को हर छह माह के अंतराल में विटामिन ‘ए’ की खुराक अवश्य दिलाएं।

शिशु संरक्षण माह के दौरान बालोद जिले में 80 हजार 193, बलौदाबाजार-भाटापारा में एक लाख 65 हजार 326, बलरामपुर-रामानुजगंज में 87 हजार 320, बस्तर में 91 हजार 570, बेमेतरा में 96 हजार 456, बीजापुर में 28 हजार 630, बिलासपुर में दो लाख 21 हजार 727, दंतेवाड़ा में 28 हजार 890, धमतरी में 79 हजार 420, दुर्ग में एक लाख 72 हजार 791, गरियाबंद में 88 हजार 175, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 55 हजार, जांजगीर-चांपा में एक लाख 72 हजार 550 और जशपुर में 85 हजार 462 बच्चों को आयरन एवं फोलिक एसिड के सिरप वितरित किए जाएंगे।

कांकेर में 75 हजार 432, कबीरधाम में 98 हजार 536, कोंडागांव में 59 हजार 463, कोरबा में एक लाख 25 हजार 308, कोरिया में 65 हजार 039, महासमुंद में एक लाख सात हजार 866, मुंगेली में 82 हजार 807, नारायणपुर में 14 हजार 312, रायगढ़ में एक लाख 53 हजार 812, रायपुर में दो लाख 45 हजार 017, राजनांदगांव में एक लाख 60 हजार 202, सुकमा में 23 हजार 909, सूरजपुर में 82 हजार 059 और सरगुजा जिले में 86 हजार 393 बच्चों को आयरन और फोलिक एसिड की खुराक दी जाएगी।

आगामी 4 मार्च से शुरू हो रहे शिशु संरक्षण माह में बालोद जिले में 77 हजार 176, बलौदाबाजार-भाटापारा में एक लाख 61 हजार 559, बलरामपुर-रामानुजगंज में 74 हजार 470, बस्तर में 82 हजार 660, बेमेतरा में 92 हजार 827, बीजापुर में 23 हजार 370, बिलासपुर में एक लाख 81 हजार 530, दंतेवाड़ा में 27 हजार 548, धमतरी में 75 हजार 998, दुर्ग में एक लाख 66 हजार 289, गरियाबंद में 59 हजार 781, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 34 हजार 527, जांजगीर-चांपा में एक लाख 66 हजार 702 और जशपुर में 81 हजार 800 बच्चों को विटामिन ‘ए’ की खुराक दी जाएगी।

कांकेर में 72 हजार 315, कबीरधाम में 96 हजार 850, कोंडागांव में 57 हजार 218, कोरबा में एक लाख 20 हजार 625, कोरिया में 62 हजार 187, महासमुंद में एक लाख तीन हजार 916, मुंगेली में 80 हजार 810, नारायणपुर में 13 हजार 771, रायगढ़ में एक लाख 47 हजार 889, रायपुर में दो लाख 39 हजार 435, राजनांदगांव में एक लाख 54 हजार 296, सुकमा में 22 हजार 799, सूरजपुर में 79 हजार 032 तथा सरगुजा जिले में 83 हजार 197 बच्चों को इस दौरान विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाई जाएगी।

क्यों जरूरी है विटामिन ‘ए’ और आयरन

विटामिन ‘ए’ ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता प्रदान करता है। विशेषकर आंखों व त्वचा के लिए विटामिन ‘ए’ जरूरी पोषक तत्व है। इसी प्रकार आयरन भी एक सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो शरीर में पाए जाने वाले लाल रक्त कणिकाओं में हीमोग्लोबिन, जो मुख्य रूप से लौह तत्व एवं प्रोटीन का बना होता है, को लालिमा प्रदान करता है। जब शरीर में लौह तत्व की कमी होती है तो रक्त में हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है जिससे रक्त की कमी हो जाती है। रक्त में लौह तत्व की कमी को ही एनीमिया कहते है।

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