जिले में शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था के लिए राजस्व और पुलिस प्रशासन आपसी समन्वय के साथ कार्य करें – कलेक्टर

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कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने कानून व्यवस्था के संबंध में ली बैठक

प्रजेन्टेशन के माध्यम से विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तार से दी गई जानकारी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, राजनांदगांव

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा और पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में कानून व्यवस्था के संबंध में समीक्षा बैठक ली। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि राजस्व और पुलिस प्रशासन को अधिकार प्राप्त होते है। जिसका उपयोग शांति और सुरक्षा के लिए किया जाना चाहिए। इन अधिकारों का उपयोग राजस्व और पुलिस प्रशासन को आपसी समन्वय के साथ करना चाहिए। आम नागरिकों तक संदेश जाना चाहिए कि पुलिस और जिला प्रशासन एक साथ कार्य कर रही हैं। किसी स्थान पर कोई घटना होने पर आपसी समन्वय से कार्रवाई करें। अपराधियों में डर की भावना होनी चाहिए। उनके द्वारा कोई भी घटना या अपराध किया जाता है तो जुर्म दर्ज होना चाहिए। अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्व और पुलिस विभाग एक सिक्के के दो पहलू है। कानून व्यवस्था के लिए आपसी समन्वय महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके माध्यम से किसी भी परिस्थितियों का सामना करते हुए समस्या का समाधान कर सकते हैं। एसडीएम, एसडीओपी, थानेदार, तहसीलदार आपसी समन्वय रखते हुए कार्य करें।

पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह ने कहा कि शासन की पहली प्राथमिकता पुलिस और मजिस्ट्रेट द्वारा कानून व्यवस्था पर निगरानी रखना है। पुलिस और जिला प्रशासन के आपसी समन्वय के लिए लगातार बैठके होनी चाहिए। दोनों में बेहतर समन्वय रहने से कानून व्यवस्था की स्थिति जिले में बेहतर होगी। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर नजर रखना जरूरी है। इसमें अनेक टिप्पणी होने पर विवाद की स्थिति होती है। जिससे अशांति फैलने का खतरा रहता है। इस प्रकार की घटनाएं संज्ञान में आने पर निराकरण करने का कार्य करना चाहिए। आगामी समय में निर्वाचन और त्यौहार आ रहे हंै। निर्वाचन के समय जिले में आचार संहिता लागू रहेगी। ऐसी स्थिति में घटना घटित होने पर राजस्व और पुलिस प्रशासन आपसी समन्वय से निराकरण करें। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों को कार्यपालिका शक्ति प्राप्त होती है। जिसका उपयोग जिले में शांति और सुरक्षा के लिए करना चाहिए। नागरिकों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि धरना, प्रदर्शन, सभा करने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य है। इस प्रकार के कोई भी कार्य बिना अनुमति के नहीं होना चाहिए। किसी भी समय लॉ एण्ड आर्डर की स्थिति आने से पहले तैयार रहना चाहिए।

पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से विभिन्न धाराओं से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने धारा 107- 116 (3) के तहत अन्य दशाओं में परिशांति कायम रखने के लिये प्रतिभूति, धारा 109 के तहत संदिग्ध व्यक्तियो के सदाचार के लिये प्रतिभूति, धारा 110 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत संदिग्ध व्यक्तियो के सदाचार के लिये प्रतिभूति, धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत शांति कायम करने अथवा आपात स्थिति से बचने के लिये, धारा 145 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत भूमि या जल से संबंधित विवादो से परिशांति भंग होने की संभावना, धारा 151 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत किसी भी व्यक्ति को संज्ञेय अपराध के संदेह पर गिरफ्तार करना, धारा 32 साक्ष्य अधिनियम के तहत मरणासन्न कथन, धारा 174 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत आकस्मिक मृृत्यु की सूचना दर्ज करना, धारा 176 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत कार्यपालिक मजिस्ट्रेट द्वारा मृृत्यु की समीक्षा करना, धारा 176 (3) दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत शव उत्खनन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री जयप्रकाश बढ़ई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संजय महादेवा, एसडीएम मोहला श्री ललितादित्य नीलम, नगर पुलिस अधीक्षक श्री गौरव राय, सहित राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधकारी उपस्थित थे।

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