नीति आयोग के केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी आशीष उपाध्याय ने आज आकांक्षी जिला राजनांदगांव के विभिन्न संकेतक के संबंध में ली समीक्षा बैठक

Advertisements
Advertisements

जिले की चुनौतियों को चिन्हांकित करते हुए इसके समाधान के लिए रणनीति तैयार करने के दिए निर्देश

कोविड-19 संक्रमण के दौरान प्रभावित स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में ध्यान केन्द्रित करते हुए कार्य करने की जरूरत

राजनांदगांव जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्वसहायता समूह द्वारा किए जा रहे कार्य की प्रशंसा की

केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी आशीष उपाध्याय ने नीति आयोग द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य, शिक्षा, अधोसंरचना सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के लिए दिया मार्गदर्श

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, राजनांदगांव

नीति आयोग के केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी आशीष उपाध्याय ने आज आकांक्षी जिला राजनांदगांव के विभिन्न संकेतक के संबंध में समीक्षा बैठक ली। नीति आयोग के केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी आशीष उपाध्याय ने नीति आयोग द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य, शिक्षा, अधोसंरचना सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि जिले की चुनौतियों को चिन्हांकित करते हुए इसके समाधान के लिए रणनीति तैयार करें।

कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। हमें इन पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कार्य करने की जरूरत है। विविध आयामों में किए जा रहे कार्यों का विश्लेषण करें, आवश्कता अनुरूप परितर्वन करते हुए लक्ष्य प्राप्त करें। आकांक्षी जिलों की प्रगति अन्य जिलों की तुलना में और अधिक तेज गति से होना चाहिए। इसके लिए समन्वित तरीके से कार्य करने की जरूरत है। स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में जागरूकता बहुत जरूरी है। उन्होंने जनसामान्य में जागरूकता लाने के लिए विशेष रूप से कार्य करने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिला स्वसहायता समूह द्वारा किए जा रहे कार्य प्रशंसनीय है। बैंक सखी द्वारा वित्तीय क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी इंडिकेटर्स की एन्ट्री के लिए नीति आयोग की ओर से प्रशिक्षण का भी आयोजन किया जा सकता है।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आकांक्षी जिला राजनांदगांव की डेल्टा रैंकिंग के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में लगातार कार्य किए गए हैं। जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के अंतर्गत कार्य करते हुए सघन सुपोषण अभियान चलाया गया है और मानपुर, मोहला तथा छुईखदान में सुपोषण की दिशा में सतत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन द्वारा धान के बदले अन्य फसल को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है और समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। जिसके कारण अन्य फसलों के रकबे में वृद्धि हुई है।

उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हुई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण का कार्य जारी है और 6 बसाहटों तक आईटीबीपी की सुरक्षा एवं निगरानी में सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के निर्माण से शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आए हैं और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ी है। कोविड-19 संक्रमण के दौरान बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए भी कार्य किया जा रहा है। धन्वंतरी मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से कम कीमतों पर जनसामान्य को दवाईयां उपलब्ध की जा रही हैं।

लगभग 83 प्रतिशत नागरिकों को कोविड वैक्सीन का टीका लग चुका है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छुईखदान, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रामाटोला एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शहरी शंकरपुर को एनक्यूएएस सर्टिफाईड किया गया है। वहीं डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड में जिले का देश में तीसरा स्थान है। मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मलेरिया, एचआईवी, टीबी टेस्ट, कुष्ठ रोग का भी टेस्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित दूरस्थ अंचल मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में हमर लैब की स्थापना की गई है। जहां नि:शुल्क 80 पैथोलॉजी सेवाएं दी जा रही है।

आरोहण बीपीओ सेंटर के माध्यम से युवाओं को रोजगार देने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जा रही है। संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। इसके लिए डोर-टू-डोर सर्वे किया जाएगा। कोविड वैक्सीनेशन का कार्य सतत जारी है। कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि सघन सुपोषण अभियान के तहत कुपोषित बच्चों के सुपोषण की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है और उन्हें 4 बार भोजन दिया जा रहा है। 90 प्रतिशत कुपोषित बच्चों के वजन में वृद्धि हुई है। 15 दिन में बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जा रहा है। जिले में 80 प्रतिशत एनीमिक गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, एसडीएम मोहला ललितादित्य नीलम, नगर निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती निष्ठा पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!