12 से 19 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ से होकर गुजरेगी “स्वर्णिम विजय मशाल”

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पाकिस्तान पर जीत के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में  ‘स्वर्णिम विजय वर्ष स्मरणोत्सव’ का आयोजन

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो

रायपुर, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर  जीत के उपलक्ष्य में 16 दिसंबर “विजय-दिवस” के रूप में मनाया जाता है। जीत के 50 साल का  स्मरणोत्सव ” स्वर्णिम विजय वर्ष” के रूप में श्रद्धांजलि स्वरूप आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में “स्वर्णिम विजय मशाल” 12 से 19 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ से होकर गुजरेगी । इस दौरान राज्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। छत्तीसगढ़ में 40 से अधिक युद्ध नायक हैं, जिहोने 1971 के युद्ध में भाग लिया है।

भारत-पाक युद्ध 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ, जब पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में भारतीय वायुसेना के ठिकानों पर हमले किये। पश्चिमी और पूर्वी मोर्चों पर भारतीय सशत्रबलों द्वारा इस पर त्वरित प्रतिक्रिया की गई। भारतीय सशत्रबलों ने निर्णायक कार्रवाई में पूर्वी पाकिस्तान में ढाका पर कब्जा कर लिया, जिसके फलस्वरूप 92 हज़ार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का उदय हुआ। इस युद्ध में भारत ने एक शानदार जीत हासिल की। युद्ध में भाग लेने वाले हमारे बहादुर सैनिकों को सम्मान देने के लिए और जनता, विशेष रूप से युवा पीढ़ी में गर्व की भावना उत्पन्न करने के लिए “स्वर्णिम विजय मशाल” प्रज्वलित की गई है। देश के इतिहास की इस बड़ी उपलब्धि पर प्रत्येक भारतीय देशभक्त गर्व महसूस करता है।

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