बंजर जमीन में पपीता से समूह ने किया 40 लाख का व्यवसाय, मुख्यमंत्री से कहा कि हमारा ट्वीटर एकाउंट भी, पोस्ट जरूर रिट्वीट करें

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43 महिलाएं 10 एकड़ खेत में लगा रही पपीता, 10 महीने में 300 टन पपीते का उत्पादन कर रहे हैं साल में दस लाख बच रहा है

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

शासन की बाड़ी योजना के माध्यम से स्वसहायता समूह की महिलाओं ने कमाल कर दिया है। बस्तर जिले के मंगलपुर में पपीते की खेती करने वाले समूह की सदस्य हेमवती कश्यप ने आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से अपने समूह की सफलता को साझा किया। श्रीमती हेमवती ने बताया कि शासन की योजना बाड़ी के माध्यम से फल-सब्जी की खेती को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए हमने समूह के माध्यम से इसका लाभ लेने का निश्चय किया। 43 महिलाओं के समूह ने उद्यानिकी विभाग की मदद से पपीते की खेती करने का कार्य शुरू किया। कड़ी मेहनत से 10 एकड़ बंजर जमीन में हमने हरियाली ला दी। अभी हम लोग 10 महीने में 300 टन पपीते का उत्पादन कर चुके हैं और इसके माध्यम से 40 लाख रुपए का व्यवसाय किया है जिसमें दस लाख रूपए की बचत समूह को हुई है। हेमवती ने बताया कि हमने अपने उत्पाद के प्रचार के लिए ट्विटर एकाउंट भी बनाया है और इसमें नियमित पोस्ट कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी आप भी हमारे ट्विटर के पोस्ट लाइक करें और इसे रिट्वीट भी करें। मुख्यमंत्री ने इस पर खुशी जताते हुए कहा कि यह बहुत बढ़िया काम हो रहा है। उन्होंने उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक से इन्हें दिये गये मार्गदर्शन के बारे में पूछा। मुख्यमंत्री ने कहा कि तरक्की के लिए खूब मेहनत करनी पड़ती है। हर गांव में लोगों को समूह बनाकर केला, पपीता, अमरूद, सब्जी, अनार, आम आदि का व्यावसायिक उत्पादन करना चाहिए।

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