झीरम कांड का सच 9 साल बाद भी सस्पेंस में , भाजपा कांग्रेस का क्या है खेल ? भाजपा और कांग्रेस जनता को बताए इस घटना का पूरा सच – कोमल हुपेंडी

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दोनो पार्टी मिलकर नूरा कुश्ती का खेल खेल रही है और समय व्यतीत कर रही है, जिससे सच छुपा रहे और समय के साथ सब कुछ मिट जाए

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

आम आदमी पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा है कि 25 मई 2013 को पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाला झीरम हत्याकांड आखिर नक्सली घटना या राजनीतिक साजिश ? इस घटना में छत्तीसगढ़ कांग्रेस का तत्कालीन शीर्ष नेतृत्व का सफाया हो गया था। आज झीरम कांड को पूरे 9 साल हो गए पर उस घटना की पूरी सच्चाई अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है।वहीं 2013 में केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब कांग्रेस के नेताओं ने जांच में तत्परता क्यों नहीं दिखाई ? जबकि उस समय तो सारी जांच एजेंसियों जांच कर सकतीं थीं। अब कांग्रेस क्यों नये सिरे से जांच करना चाहती है ?

घटना के समय राज्य में भाजपा सरकार थी तब कांग्रेस जाँच की मांग करती थी ? सत्ता में आने के बाद अब कांग्रेस मौन क्यों है ? क्या वे भी झीरम कांड का सच जनता को नहीं बताना चाहते हैं ? भाजपा और कांग्रेस आखिर क्या छुपाना चाह रही है ? प्रदेश की जनता अब सच जानना चाहती है। वहीं पिछले साल झीरम घाटी नरसंहार मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक द्वारा लगायी गई याचिका में उन्होंने झीरम कांड की न्यायिक जांच रोकने की मांग की थी। तो क्या भाजपा इस हत्याकांड का सच जनता के सामने नहीं आने देना चाह रही है ? ऐसा क्या है जो दोनो पार्टी मिलकर नूरा कुश्ती का खेल खेल रही है और समय व्यतीत कर रही है, जिससे सच छुपा रहे और समय के साथ सब कुछ मिट जाए।

अभी भी झीरम घाटी कांड पर 2013 में गठित न्यायिक जांच आयोग ने जो रिपोर्ट सौंपी है वह अधूरी है। खुद उसके अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा था, जांच अधूरी है उनको और समय चाहिए। समय दिया गया लेकिन जांच शुरू होने से पहले उनका तबादला हो गया। ऐसे में अधूरी जांच को पूरा करने के लिए आयोग में नई नियुक्तियां की गई हैं।

कोमल हुपेंडी ने कहा कि जब इतने बड़े हत्याकांड में साढ़े तीन साल सरकार में रहने के बावजूद भी कांग्रेसी न्याय कि तलाश कर रहे हैं तो आम जनता के न्याय का क्या होना है ?  वो अपने न्याय के लिए कहाँ जाये ? ये सभी तथ्य दर्शाते है कि कैसे कांग्रेस और भाजपा, दोनों पार्टियां मिली हुई है और जनता को छल रही है। यही स्थिति लगभग सभी मुद्दों पर है। छत्तीसगढ़ की जनता के सब्र को अब ये दोनों पार्टियां आजमाना बंद करे।

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