झूठे शपथ पत्र पर आर्य समाज का दूसरा विवाह शून्य, अब होगा अपराध दर्ज
September 23, 2021पति अपनी पत्नी तथा दो बेटियों के भरण- पोषण के लिए 15 हजार रुपए देने सहमत
पुलिस अधीक्षक धमतरी के माध्यम से प्रधान आरक्षक को आयोग की सुनवाई में उपस्थित कराने निर्देश
पति पत्नी हुए साथ रहने तैयार, आयोग करेगा 6 माह निगरानी
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो
रायपुर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण श्रीमती अनीता रावटे, सुश्री शशिकांता राठौर एवं श्रीमती अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में आज शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई।
आज सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में जमीन विवाद के प्रकरण में उभय पक्ष के साथ नगर निगम रायपुर जोन क्रमांक 3 से सब इंजीनियर और वार्ड के पार्षद भी उपस्थित रहे, सब इंजीनियर को प्रकरण की छायाप्रति दस्तावेज आयोग द्वारा दिया गया। वार्ड के पार्षद और सब इंजीनियर जमीन का मौका मुआयना कर आयोग को 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट देने कहा गया, तथा इस प्रकरण पर अनावेदक ने यदि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा किया है तो बेदखल करने की भी कार्यवाही करने के भी निर्देश आयोग ने दिया।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने दूसरी शादी करने में षड्यंत्र किया साथ ही पत्नी के साथ घरेलू हिंसा किया गया है, इसके साथ ही झूठा शपथ पत्र भी आर्य समाज में प्रस्तुत कर दूसरा विवाह किया है जिनके अभिलेखों की जांच पुलिस थाना के द्वारा किये जाएंगे, पति और सास के खिलाफ इस प्रकरण में धारा 476, 468, 471 और 494 भा. द. स. का अपराध दर्ज किए जाने के पूरे आधार है। आवेदिका के साथ हुए घरेलू हिंसा के आधार पर आवेदिका अपने दस्तावेज के साथ पुलिस थाना जाकर अनावेदकगण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका पत्नी और अनावेदक के मध्य एक सहमति पत्र हाथ से लिखा हुआ आयोग को प्रस्तुत किया गया जिसमें पत्नी ने 15,000 रुपये भरण पोषण प्रतिमाह पति द्वारा बैंक खाते में जमा करने प्रस्ताव दिया जिसे पति ने स्वीकार किया। पति डेंटल कॉलेज में कार्यरत हैं आवेदिका के साथ दो बेटियां भी है जो अध्ययनरत है जिनका रहन सहन आवेदिका कर रही है।
अनावेदक पति को माह की प्रथम सप्ताह में मासिक वेतन मिल जाता है। इस प्रकरण में आयोग द्वारा पत्नी के बैंक खाते में प्रतिमाह पैसा पति द्वारा दिया जाएगा जिसे अनावेदक पति ने सहमति दी इस प्रकार प्रकरण नस्तीबद्ध कर दिया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका को अनावेदक क्रमांक 1 से वर्तमान में किसी प्रकार से कोई शिकायत नही है, अनावेदक क्रमांक 2 अनुपस्थित रहे अनावेदक कुरूद प्रधान आरक्षक पद पर कार्यरत हैं अनावेदक क्रमांक 2 पुलिस का जिम्मेदार कर्मचारी होने के बावजूद अपनी माँ के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करता है, आगामी सुनवाई में धमतरी पुलिस अधीक्षक के माध्यम से अनावेदक क्रमांक 2 को उपस्थित कराने आयोग द्वारा निर्देशित किया गया है।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदिका अपनी देवरानी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया गया है कि देवर के साथ अवैध संबंध का आरोप लगाकर बदनाम करती है और चारित्रिक लांछन लगाती है। आवेदिका की शिकायत को विस्तार से सुना गया अन्य अनावेदकगण को भी आयोग द्वारा सुना गया दोनो को आयोग द्वारा समझाइश दिया गया देवर देवरानी को सशर्त रहने के लिए परिवारजन सहमत इस प्रकरण को 6 माह तक आयोग के निगरानी में रखा गया है।
निजी महाविद्यालय के एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित दोनों पक्षों के बीच दस्तावेजों को देखने की आवश्यकता है ऐसी स्थिति में आवेदिका बिन्दुवार अपने कथनों को अनावेदकगणों को पोस्ट ऑफिस के माध्यम से भेजेगी। अनावेदकगण उक्त दस्तावेजों को प्राप्त करने के बाद तत्काल अपना जवाब आवेदिका को भेजेंगे। दोनों पक्ष दस्तावेज मिलने के बाद आयोग को जानकारी देंगे तब प्रकरण को सुनवाई के लिये रखा जायेगा। आवेदिका के द्वारा किये गये सेवा का अनुभव प्रमाण-पत्र अनावेदकगण आवेदिका के आवेदन के साथ देने आयोग ने निर्देशित किया।
एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित अनावेदक ससुर अस्वस्थ होने के कारण अनुपस्थित रहे। उभय पक्षों को सुनने के बाद यह स्पष्ट होता है कि पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ एक झूठी कहानी गढ़ी थी, क्योंकि अनावेदक पति के बड़े भाई और उसकी भाभी इन दोनों ने भी आवेदिका की गलती बताई है।सास का कथन है कि वह ऐसी किसी घटना के बारे में नहीं जानती है। आयोग के समक्ष पति ने जिस तरह से अपने भाइयों, भाभी, मां के साथ मिलकर अपनी बात को साबित करने का प्रयास किया जिसमें पति के द्वारा किया जा रहा षड्यंत्र स्पष्ट समझ आता है। ऐसी स्थिति में इस प्रकरण में आवेदिका को थाना में इन सभी अनावेदकगणों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करा सकती है। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
महिला आयोग के समक्ष महिला उत्पीड़न से संबंधित 20 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए, 18 प्रकरणों में पक्षकार उपस्थित रहे, जिनमे 6 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया है। शेष प्रकरणों को आगामी सुनवाई में रखा गया ।