शासन के निर्देशानुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अशासकीय विद्यालयों में कक्षा आठवीं में अध्ययनरत छात्रों को उन्हीं विद्यालय में कक्षा 12वीं तक अध्ययन करने के लिए मिलेगी निरंतरता

शासन के निर्देशानुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अशासकीय विद्यालयों में कक्षा आठवीं में अध्ययनरत छात्रों को उन्हीं विद्यालय में कक्षा 12वीं तक अध्ययन करने के लिए मिलेगी निरंतरता

May 27, 2022 Off By Samdarshi News

जिन अशासकीय विद्यालयोंं में हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्तर की कक्षाएं संचालित नहीं वहां के  विद्यार्थियों को निकटतम शासकीय या अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 9वीं में प्रवेश के लिए पालकों से विकल्प प्राप्त कर प्रवेश के लिए कार्रवाई सुनिश्चित करने दिए निर्देश

निरंतरता सूची का वेबसाईट में किया जा सकता है अवलोकन

विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए अनावश्यक परेशानी न हो यह सुनिश्चित करने के दिए गए निर्देश

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, राजनांदगांव

शासन के निर्देशानुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अशासकीय विद्यालयों में कक्षा आठवीं में अध्ययनरत छात्रों को उन्हीं विद्यालय में कक्षा 12वीं तक अध्ययन करने के लिए निरंतरता प्रदान की गई है। निजी विद्यालय इस आदेश के परिपालन में विद्यार्थियों के नाम आगामी कक्षा में दर्ज करेंगे। शासन द्वारा विभिन्न शालाओं में प्रवेश कराए गए विद्यार्थियों के शुल्क की प्रतिपूर्ति प्रतिवर्ष एकमुश्त अधिकतम 15 हजार रूपए एवं प्रति छात्र 1 हजार रूपए शिक्षण सामग्री देय होगी। निजी शालाओं में कक्षा 9वीं में प्रवेशित छात्रों को शासकीय शालाओं के समान गणवेश एवं गणवेश अनुदान की पात्रता नहीं होगी। उन्होंने बताया कि नवीन शिक्षा सत्र 24 जून 2022 से प्रारंभ हो रहा है। जिन अशासकीय विद्यालयोंं में हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्तर की कक्षाएं संचालित नहीं है, उनके विद्यार्थियों को निकटतम शासकीय या अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 9वीं में प्रवेश के लिए पालकों से विकल्प प्राप्त कर संबंधित नोडल अधिकारी, निजी शाला, विकासखंड शिक्षा अधिकारी को प्रवेश के लिए कार्रवाई सुनिश्चित करने कहा गया है।

जिला शिक्षा अधिकारी श्री आरएल ठाकुर ने बताया कि कक्षा 9वीं अध्ययन निरंतरता के लिए जारी सूची का अवलोकन वेबसाईट www.deorajnandgaon.cg.nic.in  में किया जा सकता है। संबंधित नोडल अधिकारियों को कक्षा 9वीं में प्रवेश के लिए संबंधित विद्यार्थियों की टीसी पूर्व शाला से सीधे अध्ययन निरंतरता हेतु आबंटित नवीन शाला में स्थानांतरित करने, पालकों को नवीन आबंटित शाला में प्रवेश हेतु मार्गदर्शन देने तथा विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए अनावश्यक परेशानी न हो यह सुनिश्चित करने कहा गया है।