बड़ी खबर : बिना विषय स्वीकृत कराये राजधानी के निजी महाविद्यालय ने छात्रा को एडमिशन कराकर वसूल ली फीस, नही कराई परीक्षा, न ही घोषित हुआ परिणाम, विद्यार्थियों ने महाविद्यालय प्रबंधन को दिया लीगल नोटिस

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

राजधानी रायपुर के समता कालोनी स्थित महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज द्वारा विश्वविद्यालय की बिना अनुमति के छात्राओं से फीस लेकर पढ़ाई कराने और परीक्षा न कराकर रिजल्ट एवं डिग्री न देने का गंभीर मामला सामने आया है।

छात्राओं से मिली जानकारी के अनुसार बी वॉक इंटीरियर डिजाईन विषय की विगत 5 वर्षो से सभी सेमेस्टर की परीक्षाएं नही कराई गई और छात्राओं से नियमित रूप से फीस वसूल की गई। छात्राओं द्वारा कॉलेज प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से बताया है कि छत्तीसगढ़ के इतिहसा से शायद ऐसा पहली बार होगा कि एक पुरी क्लास फर्स्ट ईयर चार साल में पास करेगी। इस साल कर भी पायेगी की नही इस पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया है।

राजधानी रायपुर के महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज द्वारा बैचलर आफ वॉक्शन इन इंटिरियर डिजाईनर नामक स्पेशल कोर्स वर्ष 2018-19 से रविशंकर विश्वविद्यालय से एफिलेटेड होकर प्रारंभ किया गया था। पहले सेमेस्टर की परीक्षा हुई, सेकेण्ड ईयर के लिये प्रवेश पत्र जारी किये गये लेकिन परिणाम घोषित नही किये गये। छात्र हर साल कॉलेज को निर्धारित 70 हजार रूपये की फीस जमा करते गये। छात्र जब कॉलेज से पूछते है कि परीक्षाएं क्यो नही हो रही है तो कॉलेज प्रबंधन इसका पुरा दोष विश्वविद्यालय पर मढ़ देता है।

विश्वविद्यालय का कहना है कि कॉलेज में अपना अप्रोच लगवाकर आनन फानन में कोर्स शुरू करा दिया। इसके लिये विश्वविद्यालय के पास जो सही जानकारियां आनी थी वो नही आई। कोई रूल्स रेगुलेशन इस कोर्स के लिये तैयार ही नही किये गये थे। इस संबंध में जानकारी होने पर विश्वविद्यालय द्वारा बनी कमेटी ने जांच की और तय किया कि इस साल से परीक्षाएं होंगी। इस स्थिति से ऐसा प्रतीत होता है कि 2018 -19 सत्र से पढ़ने वाले छात्रों की अबतक की पढ़ाई मान्य नही होगी और वे फर्स्ट ईयर की परीक्षा देंगे।

छात्रों द्वारा उठाये गये तीन महत्वपूर्ण सवाल-

  • जितने भी छात्र है उनके भविष्य का क्या ? उनके इतने साल जो बर्बाद हुए उसकी जवाबदारी किसकी ?
  • जब विश्वविद्यालय से मान्यता नही थी तो पहले सेमेस्टर का रिजल्ट और दुसरे सेमेस्टर का प्रवेश पत्र कैसे जारी किया गया ? यदि रिजल्ट और प्रवेश पत्र जारी करने के बाद भी कॉलेज प्रबंधन को नही पता चल पाता कि आपके यहां किस विषय के लिये मान्यता है किस विषय के लिये नही, तो ऐसी युनिवर्सिटी को छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी युनिवर्सिटी कहने का कोई औचित्य है ?
  • छात्रों के उन मां बाप के मेहनत की कमाई का क्या होगा ? जिसे फीस के रूप में वे हर साल कॉलेज को 70 हजार रूपये जमा कर रहे है ?

बी वॉक इंटीरियर डिजाईनर विषय की सभी सेमेस्टर की परीक्षा अविलम्ब कराकर परिणाम घोषित करने की मांग की गई है। मिली जानकारी के अनुसार इस विषय के छात्रों द्वारा सम्मिलित रूप से अधिवक्ता के माध्यम से कॉलेज प्रबंधन को लीगल नोटिस भी दिया गया है।  

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