ग्रामीण एकजुट हों नहीं कटने देंगे एक भी वृक्ष, गांव वालों के हर निर्णय के साथ खड़ी है कांग्रेस
June 1, 2022ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ग्राम-सभा के फर्जी प्रस्ताव के सहारे हमारी जमीनें लूट कर अदानी को चाहता है देना
पादप बोर्ड अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि अगर गांव वाले एक राय होकर खदान का विरोध करते हैं तो पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, अंबिकापुर
हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान के लिए वनों की कटाई के विरोध में आंदोलनरत ग्रामीणों को सरगुजा कांग्रेस ने समर्थन दिया है। औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक के नेतृत्व में जिला कांग्रेस और जिला तथा जनपद पंचायत सदस्यों ने आंदोलन स्थल पर जाकर ग्रामीणों की हौसला अफजाई की। पेड़ो की कटाई रोकने के लिए घनघोर जंगल में डेरा डाले ग्रामीणों ने कांग्रेस की टीम को प्रशासन द्वारा आधी रात को काटे गए वृक्षों को ग्रामीणों ने दिखाया। जिले भर से बड़ी संख्या में खनन प्रभावित क्षेत्र बासेन पहुंचे कांग्रेस जनों के समक्ष अपनी बात रखते हुए धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन ग्राम सभा के फर्जी प्रस्ताव के सहारे हमारी जमीनें लूट कर अदानी को देना चाहता है। गांव के पुराने लोग अपना जंगल और जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे।
पादप बोर्ड अध्यक्ष श्री पाठक ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि अगर गांव वाले एक राय होकर खदान का विरोध करते हैं तो पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है। यहां के विधायक और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कई मंचो पर कहा है वे खुद ग्रामीणों के साथ खड़े रहेंगे, बस गांव के लोगो को एक राय होना पड़ेगा। ग्राम सभा को लेकर भ्रम की स्थिति थी, आंदोलन के समर्थन में खड़े लोग इसे फर्जी बता रहे हैं, जबकि खदान समर्थकों का कहना है कि प्रदर्शनकारी दूसरे गांव के हैं। जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदि बाबा की पहल पर इस संबंध में जिला पंचायत ने दो बार प्रस्ताव पारित कर खनन प्रभावित गांवों में पूरे कोरम के साथ फिर से ग्राम सभा कराने कहा है। उससे पहले यहां पेड़ काटने सहित तमाम गतिविधियां रोक देनी चाहिए।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव वीडियो कॉल से धरने पर बैठे ग्रामीणों से चर्चा की उन्होंने कहा कि प्रशासन जिस कॉल बैरिंग एक्ट की बात कहता है, उसके अंतर्गत जमीन का अधिग्रहण किया जा सकता है, मगर वन अधिकार अधिनियम 2006 में यह स्पष्ट है कि वनों का संवर्धन, संरक्षण और उपयोगिता परिवर्तन ग्राम सभा की सहमति के बिना संभव नहीं है। जबतक ग्राम सभा नहीं चाहेगा एक भी पेड़ नहीं कटेगा। हम सब गांव के लोगों के निर्णय के साथ खड़े हैं।
दुबारा बुलाई गई ग्राम सभा में भी फर्जीवाड़ा
जिला पंचायत के प्रस्ताव पर ग्राम पंचायत घाटबर्रा में ग्रामसभा की बैठक 28 मई को रखी गई थी। ग्राम के सरपंच ने बताया ग्रामसभा में सभा अध्यक्ष के नाम पर सहमति ना बन पाने के चलते बैठक को 4 जून के लिए टाल दिया गया। उपस्थित अधिकारियों ने सबके सामने घोषणा किया था। आज कुछ लोग बता रहे है कि 28 मई की सभा को प्रशासन की मंजूरी दे दी है। हालांकि इसकी आधिकारिक सूचना पंचायत को नहीं दिया गया है।
पेड़ और जमीन बचाने की जिद में जंगल में डेरा
उदयपुर के ग्राम बासेन, हरिहरपुर, साल्ही, घाटबर्रा आदि आधा दर्जन गांवो के सैकड़ों लोग पेड़ों को बचाने पिछले पांच दिनों से जंगल में डेरा जमाए हुए है। पारंपरिक तीर-कमान से लैस बुजुर्गो, महिलाओ और युवाओं ने अपने बच्चो को रिश्तेदारों के घर भेज दिया है। खुद खुले आसमान के नीचे कड़ी धूप और यदा-कदा होने वाली बरसात के बावजूद डटे हुए हैं। जन सहयोग से जंगल में ही खाने-पीने का बंदोबस्त किया जा रहा है, ग्रामीणों के संघर्ष और उनकी मांग पर औषधीय पादप बोर्ड अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने तिरपाल और चावल के लिए दस हजार रुपए दिया।
इस दौरान विधायक प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंह, उदयपुर ब्लाक अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य राजनाथ सिंह, लखनपुर ब्लॉक अध्यक्ष कृपा शंकर गुप्ता, अंबिकापुर शहर अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, ग्रामीण अध्यक्ष विनय शर्मा, मो इस्लाम, दुर्गेश गुप्ता, सैय्यद अख्तर, शैलेंद्र प्रताप सिंह, आशीष वर्मा, ओम प्रकाश सिंह, नीरज मिश्रा, संध्या रवानी, मधु दीक्षित, अमित सिंह देव, शैलेंद्र सोनी, प्रमोद चौधरी, सतीश बारी, हिमांशु जयसवाल, पप्पन सिन्हा, शंकर प्रजापति, मग्गू, शकीला, माया मिश्रा, हमीदा बनो, मालती सिंह, शैलजा पांडेय, इंद्रजीत सिंह धंजल, जमील खान, चुन्ना, अमित सिंह, हसन ख़ान, अशफाक कमर, रियाजुल, मिथुन, अविनाश, सरजू, बाबर, काजू, कलीम अंसारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।