हमारी सरकार जल, जंगल और जमीन को सहेज रही : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

June 5, 2022 Off By Samdarshi News
  • वनवासियों को भूमि के उपभोग का अधिकार और वनांचल में फलदार वृक्ष लगा रहे हैं
  • आदिवासी सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने सामाजिक भवनों के लिए राशि मंजूर करने के साथ ही कई घोषणाएं की
  • विशेष पिछड़ी जनजाति के 9623 शिक्षित पात्र युवाओं को योग्यता अनुसार मिलेगी शासकीय नौकरी

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कांकेर के पीजी कॉलेज ग्राऊण्ड में आयोजित आदिवासी समाज के सम्मेलन में कहा कि हमारी सरकार जल, जंगल और जमीन को सहेजने का काम कर रही है। वनभूमि पर वर्षों से काबिज लोगों को उस भूमि के उपभोग का अधिकार पट्टा प्रदान करने के साथ ही वनांचल में फलदार पौधे लगाए जाने का काम प्राथमिकता से किया जा रहा है, ताकि लोगों की आर्थिक स्थित बेहतर हो और उनके जीवन में बदलाव आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना उन्हें आगे बढ़ने का अवसर सुलभ कराना हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि बीते साढ़े तीन सालों में छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं और फैसलों से लोगों के जीवन में बदलाव आया है। बस्तर अंचल में शांति और विकास के साथ-साथ लोगों में संपन्नता आई है। दंतेवाड़ा, बीजापुर इलाके के लोगों द्वारा बड़ी संख्या में मोटरसायकिल, ट्रेक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों की खरीदी इस बात का प्रमाण है कि लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ आवागमन के लिए सड़कों का निर्माण भी तेजी से कराया जा रहा है। विकास के कार्यों के साथ-साथ हम संस्कृति और परंपरा को भी संरक्षित और संवर्धित कर रहे हैं। बस्तर अंचल में 2400 देवगुड़ियों के जीर्णोंद्धार एवं सौन्दर्यीकरण की स्वीकृति दी गई है। जिसमें से 1200 देवगुड़ियां बन चुकी है। घोटुल के निर्माण की भी घोषणा की गई है। संस्कृति एवं परंपरा के संरक्षक गायता-पुजारियों को भी हमने सम्मान स्वरूप प्रति वर्ष 7 हजार रूपए की राशि दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर का हमारा आदिवासी समाज ऐसा समाज है, जो देवता के साथ जीता है, रहता है, यही हमारी विशिष्ट पहचान है।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कांकेर के गोंडवाना समाज के भवन में किचन सह भोजनालय निर्माण हेतु 49 लाख 44 हजार, गेट निर्माण हेतु 10 लाख 4 हजार रूपए, 2 नग हाई मास्ट लाइट हेतु 10 लाख रूपए, हल्बा समाज के भवन निर्माण हेतु 50 लाख रूपए, जवाहर समाज के भवन हेतु 20 लाख, पारधी समाज, देवार समाज एवं कंडरा समाज के भवन हेतु 20-20 लाख, आमाबेड़ा तहसील अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा में स्वामी आत्मानंद स्कूल, दुर्गकोंडल में आदिवासी विश्राम गृह हेतु 50 लाख, दुर्गकोंडल में कन्या माध्यमिक शाला के उन्नयन तथा शासकीय कृषि महाविद्यालय कांकेर का नामकरण स्वर्गीय श्री रामप्रसाद पोटाई के नाम पर किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजाति के संबंध में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सर्वे किये गए शिक्षित पात्र युवा जिनकी संख्या 9623 है को योग्यतानुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी पर भर्ती करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण संबंधी पिगुंआ समिति का प्रतिवेदन हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया है। निर्देशानुसार इस पर कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौण खनिज के अधिकार पहले से ही पंचायत को है। इस संबंध में नियम बनाए जा रहे हैं।