डेयरी संचालन से अनंत पिला रहें सैकड़ों लोगों को अमृततुल्य दूध

Advertisements
Advertisements

दही, पनीर, खोवा से भी हो रही अतिरिक्त आय अर्जित

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो

रायपुर, पशुपालन आमतौर पर ग्रामीण, किसानों और कम पढ़े-लिखे लोगों का काम माना जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं है, डेयरी फार्मिंग में इंजीनियर, डॉक्टर, एमबीए पास पेशेवर युवा लगातार आ रहे है और इससे अपनी किस्मत चमका रहे हैं।

अभनपुर विकासखंड के ग्राम कठिया-2 के रहने वाले 36 वर्ष के श्री राजेश कुमार अनन्त के मन में हमेशा ऐसा कुछ काम करने की चाह थी, जो ग्रामीण परिवेश से जुड़ा हो और समाज के लिए भी अच्छा हो। बचपन से घर में गाय, भैंस एवं अन्य जानवरों के प्रति लगाव से उनके मन में डेयरी फार्म खोलने का विचार आया।

श्री अनंत ने राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना का लाभ लेने हेतु पशु चिकित्सालय तामासिवनी में  में आवदेन दिया था। बैंक लोन से स्वीकृति के उपरांत उन्होंने 15 दुधारू भारतीय नस्ल की गायों से डेयरी प्रारंभ की गई। विभाग द्वारा डेयरी स्थापना योजना के इकाई लागत 12 लाख का 66.66 प्रतिशत राशि 7 लाख 99 हजार 200 रूपये की राशि प्रदाय की गई। उन्होंने अपने डेयरी फार्म बिजनेस की शुरूवात इन्हीं 15 दुधारू भारतीय नस्ल की गायों से की। आज उनकी डेयरी में 25 गाय-भैंस है। वे अपने आदर्श डेयरी फार्म डेयरी में प्रतिदिन 250 लीटर दुग्ध उत्पादन कर रोजाना सैकड़ों लोगों को गाय का अमृततुल्य दूध पिला रहे हैं। वे दूध के साथ-साथ दही, पनीर, खोवा आदि उत्पाद बनाकर अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं।

श्री अनंत को वर्तमान में प्रतिमाह 50 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त हो रही है। उन्हें पशुधन विकास विभाग द्वारा समय-समय पर टीकाकरण, उपचार तथा प्रशिक्षण का लाभ मिल रहा है। श्री अनन्त द्वारा नवीन डेयरी व्यवसाईयों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। मान्या डेयरी के नाम से संचालित डेयरी को सफलता के इस मुकाम तक पहुँचाने में पशुधन विकास विभाग द्वारा किये जा रहे सहयोग के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया है।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!