भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर जिला भाजपा कार्यालय जशपुर सहित जिले की सभी मण्डलों में भाजपाईयों ने कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें दी श्रद्धांजलि
June 23, 2022उनकी पुण्यतिथि को मनाया बलिदान दिवस के रूप में
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
भाजपा नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर को भारतीय संविधान के दायरे में लाने और एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान (झंडा) के विरोध में सबसे पहले आवाज उठाने वाले भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का आज बलिदान दिवस है। उनका यह स्वप्न स्वतंत्रता प्राप्ति के 70 वर्ष बाद तब पूरा हुआ जब हम सबके प्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अगस्त 2019 में संसद में संविधान के अनुच्छेद 370 एवं 35-ए को समाप्त करने का बिल पारित कराया। इसके बाद ही जम्मू कश्मीर भारत देश का सही मायनों में अभिन्न अंग बना। विशेष राज्य का दर्जा, अलग संविधान, देश के अन्य प्रदेशों के नागरिकों के जम्मू कश्मीर में प्रवेश के लिए परमिट की आवश्यकता जैसी जिन शर्तों और नियमों के साथ जम्मू कश्मीर को भारत में शामिल किया गया था, डॉ. मुखर्जी प्रारंभ से ही उसके विरोध में थे। उन्होंने इसके लिए बाकायदा जम्मू कश्मीर जाकर अपना विरोध दर्ज कराया। लेकिन चाहकर भी उनका यह स्वप्न उनके जीते जी पूरा नहीं हो पाया और रहस्यमय परिस्थितियों में 23 जून 1953 को उनकी मृत्यु हो गई। डॉ. मुखर्जी को जम्मू कश्मीर एवं देश की अखंडता के लिए बलिदान देने वाले पहले व्यक्ति के तौर पर जाना गया। इसीलिए देश उनकी पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाता है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का जीवन राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक समर्पण, शिक्षा व विकास के नवीन विचारों का अद्भुत संगम था। बंगाल की रक्षा हेतु संघर्ष व कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए हर भारतवासी ऋणी है। जिला भाजपा मीडिया प्रभारी फैज़ान सरवर खान द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कार्यक्रम में पूर्व विधायक राजशरण भगत, शहर मण्डल अध्यक्ष संतोष सिंह, अरविंद भगत, सतीश गोस्वामी, रविन्द्र पाठक, चंदन गुप्ता, गणेश साहू, नीतू गुप्ता, सतीश वर्मा, एंजेला खेस, अनुज भगत, लालदेव भगत, दीपक गुप्ता, अभिषेक मिश्रा, गंगा राम भगत, दीपू मिश्रा, सूरज सिंह, अभिषेक गुप्ता, आशु राय, मुन्नी गुप्ता एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।