कलेक्टर श्री बंसल ने की नरवा गरुआ, घुरवा बाड़ी और गोधन न्याय योजना की समीक्षा, बस्तर में चरवाहों की पुरानी परंपरा को किया जाएगा जीवित

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गोबर से पेंट और बिजली निर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए शीघ्र कार्यवाही के निर्देश

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जगदलपुर

बस्तर में चरवाहों की पुरानी परंपरा को पुनः एक बार जीवित किया जाएगा। गांवों में चरवाहे रखने के लिए जिला प्रशासन भी आर्थिक रुप से सहयोग किया जाएगा। आज जिला कार्यालय के प्रेरणा कक्ष में आयोजित बैठक में यह निर्णय कलेक्टर श्री रजत बंसल की अध्यक्षता में आयोजित नरवा गरुआ, घुरवा, बाड़ी व गोधन न्याय योजना की समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोहित व्यास भी उपस्थित थे।

बैठक में नरवा, गरुआ, घुरवा बाड़ी तथा गोधन न्याय योजना को शासन की महत्वपूर्ण योजना बताते हुए कहा गया कि इस योजना के क्रियान्यवन में सभी संबंधित विभागों को पूरी गंभीरता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है तथा इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन द्वारा ग्रामीणों की आय को बढ़ाने के लिए प्रारंभ की गई इस योजना के तहत शत-प्रतिशत गोठानों में गोबर खरीदी करने पर जोर दिया गया। वर्तमान में पूरे विश्व में आए रासायनिक खाद संकट को दूर करने में गोबर खाद को एक महत्वपूर्ण विकल्प बताते हुए छत्तीसगढ़ की तर्ज पर अन्य राज्यों द्वारा प्रारंभ की गई गोबर खरीदी की योजना को देखते हुए इसके महत्व को बताया गया। इस दौरान मंगनार में गोबर से पेंट निर्माण तथा जगदलपुर में गोबर से बिजली निर्माण इकाई स्थापना की जानकारी देते हुए इन इकाईयों के त्वरित निर्माण के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व को देखते हुए छत्तीसगढ़ की परंपरा रोका छेका के संबंध में भी चर्चा की गई और सुरक्षित कृषि के लिए मवेशियों को खुला नहीं छोड़ने के लिए सभी ग्रामीणों को प्रेरित करने के निर्देश दिए गए। इसके लिए सभी गांवों में अनिवार्य रुप से मुनादी करने को कहा गया। बस्तर में पशुओं की देखरेख के लिए चरवाहे रखने की पुरानी परंपरा को फिर से जीवित पर जोर दिया गया। चरवाहों के द्वारा पूरे वर्ष भर पशुओं की देख-रेख की जा सके, इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान करने की बात भी कही गई। चारागाह विकास के लिए चारा रोपण की कार्यवाही शीघ्र सुनिश्चित करने तथा पैरादान की समीक्षा करते हुए किसानों को पैरादान के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए गए।

गौठानों में सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया गया। गौठानों में अनिवार्य रुप से गोबर की खरीदी करने के साथ ही पशु चिकित्सा शिविर आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए। सभी गौठानों में एक माह के भीतर ट्रेविस लगाने के निर्देश दिए गए, जिससे पशुओं का टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान आदि कार्य सुगमता पूर्वक किया जा सके। पशुओं के उपचार की सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने पर दरभा और लोहण्डीगुड़ा के पशु चिकित्सक से स्पष्टीकरण भी मांगा गया।

गौठानों में संचालित आर्थिक गतिविधियों की समीक्षा की गई और स्वीकृत बकरी शेड, मुर्गी शेड का निर्माण शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। बकावंड व तोकापाल में बकरी वितरण में विलंब पर स्पष्टीकरण मांगा गया।

गोधन न्याय योजना के तहत गौठानवार गोबर खरीदी, खाद निर्माण और भुगतान की  समीक्षा की गई और सभी कार्यवाही आॅनलाईन माध्यम से करने के निर्देश दिए गए। तकनीकी संबंधी समस्या के निराकरण के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के निर्देश भी दिए गए।

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