एससी, एसटी अत्याचार निवारण नियम जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति की बैठक आयोजित

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8 प्रकरणों के लिए 25 लाख 50 हजार की स्वीकृति

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो

रायपुर. अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण नियम 1995 के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति की बैठक आज यहां कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई साहू की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

बैठक में आदिवासी विकास विभाग रायपुर के सहायक आयुक्त तारकेश्वर देवांगन ने बताया कि इस नियम के तहत वर्ष 2020-21 तक प्राप्त 8 प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को 25 लाख 50 हजार की राहत राशि स्वीकृत की गई है। लोक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में रायपुर जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण नियम 1995 के तहत अनुसूचित जाति के 61 एवं अनुसूचित जनजाति के 18 प्रकरण लंबित हैं। बैठक में रायपुर जिले के थानो में पंजीबद्ध अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विरुद्ध घटित लंबित अपराधों  के 9 प्रकरण पर विस्तार से चर्चा की गई तथा पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने कहा गया।

अपर कलेक्टर ने समिति के सदस्यों से कहा कि एससी-एसटी को विभिन्न योजनाओं से मिलने वाले फायदों के बारे में जागरूक करें। पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल सके इसका विशेष ध्यान रखा जाए। इस अवसर पर विधिक शिविर आयोजित कर लोगों को कानूनी प्रावधानों की जानकारी देने पर जोर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज होते ही उप पुलिस अधीक्षक अजाक रायपुर एवं जिले में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी पुलिस ,नगर पुलिस अधीक्षक द्वारा स्थल का निरीक्षण कर प्रकरण की विवेचना पूर्ण किया जाकर अत्याचार से पीड़ित व्यक्तियों को राहत राशि प्रदान करने हेतु प्रकरण तैयार कर कलेक्टर ,आदिवासी विकास शाखा रायपुर को प्रेषित किया जाता है। पुलिस अधीक्षक से प्राप्त प्रकरणों को स्वीकृति हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।

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