राज्य में शिक्षक कर रहे नवाचार, स्मार्ट टीव्ही के माध्यम से करवा रहे पढ़ाई, गणित सिखाने के लिए उपकरणों का कर रहे प्रयोग, जीवंत प्रयोगों के जरिए हो रही विज्ञान की पढ़ाई : विद्यालय प्रवेश एवं शिक्षा में गुणवत्ता वेबीनार में शिक्षकों ने साझा किए अनुभव
July 2, 2022समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर
वर्तमान परिवेश में स्लेट का अस्तित्व लगभग समाप्त होने की ओर है, ऐसी स्थिति में बेमेतरा जिले की शिक्षिका श्रीमती हेम कल्याणी सिन्हा ने स्कूल में बच्चों को स्लेट के माध्यम से पढ़ाने के लिए प्रेरित करने और उत्कृष्ट कार्य करने का प्रयास किया है। जिसके फलस्वरूप उनके स्कूल के बच्चे स्लेट के माध्यम से लगातार प्रयास करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में अपना कौशल दिखा रहे हैं। यह जानकारी विद्यालय प्रवेश एवं शिक्षा में गुणवत्ता के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित वेबीनार में दी गई। वेबीनार में अन्य शिक्षकों ने भी अपने-अपने जिलों में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के अनुभवों को साझा किया।
सरगुजा जिले की शिक्षिका श्रीमती प्रमिला कुशवाहा पॉकेट बोर्ड और प्लेस कार्ड के उपयोग से बच्चों को शिक्षा देने का प्रयास किया है। वे अपने स्कूल में बच्चों को उनका निरंतर उपयोग करने के बारे में बताती हैं। बालोद जिले की शिक्षिका श्रीमती चित्रमाला राठी ने अपने स्कूल की सभी कक्षाओं को प्रिंटर इंच के अनुसार तैयार किया है। जिससे विद्यार्थी शाला में आकर प्रिंटर इंच के माध्यम से स्वयं पढ़ाई कर सकें। श्रीमती राठी के इस कार्य से शिक्षण गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
कवर्धा जिले के शिक्षक श्री कैलाश मण्डावी ने बताया कि वे अपने स्कूल में गणित से भयभीत रहने वाले बच्चों को विभिन्न मॉडलों और प्रायोगिक उपकरणों की सहायता से सरल तरीके से जोड़, गुणा, भाग, भिन्न, स्थानीय मान को समझाते हैं। इससे बच्चों में इन विषयों के प्रति रूचि बढ़ी है। बिलासपुर जिले की श्रीमती दीप्ति दीक्षित खिलौना निर्माण कर बच्चों को खेल-खेल में पढ़ा रही हैं। उनके इस सराहनीय प्रयास के कारण बच्चों के शिक्षण कौशल में वृद्धि हुई है। दुर्ग जिले की श्रीमती निधि जैन आधारभूत साक्षरता और गणितीय कौशल के लिए उत्कृष्ट कार्य किया है। इसी प्रकार बिलासपुर जिले की श्रीमती स्वाति कश्यप ने भी स्कूल में आधारभूत साक्षरता और गणितीय कौशल कार्नर का निर्माण कर बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का प्रयास किया है।
जांजगीर जिले में आउट ऑफ स्कूल के लिए श्री धर्मदास मानिकपुरी के प्रयास में बहुत हद तक पलायन करने वाले बच्चों को रोकने का प्रयास किया है। प्रथम बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बालवाड़ी के द्वारा बच्चों को शिक्षा प्रदान करनेे के उद्देश्य से बालवाड़ी का गठन किया गया। इस बालवाड़ी में बच्चों की शिक्षा के लिए जशपुर जिले की श्रीमती संतोषी डड़सेना विस्तार से चर्चा की। गरियाबंद जिले में श्री चित्रसेन पटेल ने स्कूल प्रबंधन कमेटी में सक्रिय भूमिका निभाते हुए उत्कृष्ट प्रयास किए हैं। उन्होंने स्कूल प्रबंधन के माध्यम से बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया है।
इसी प्रकार बलौदाबाजार जिले में स्मार्ट माता के लिए श्रीमती रानू भट्ट ने आंगन में आसपास के बच्चों को शिक्षा देकर उत्कृष्ट कार्य किया है। राजनांदगांव जिले के मोहला ब्लॉक नवीन तकनीक का उपयोग करते हुए श्री राजेन्द्र कुमार देवांगन के साथ शिक्षक श्री राजकुमार यादव ने प्रयास कर विकासखण्ड के सभी स्कूलों में स्मार्ट टीवी के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने का प्रयास किया है। उन्होंने स्मार्ट टीवी के लिए किसी भी प्रकार का शासकीय अनुदान न लेकर जनभागीदारी से स्मार्ट टीवी स्कूलों में लगवाया है। रायगढ़ जिले में बच्चों की रिडिंग स्पीड बढ़ाने के लिए श्री रविशंकर सारथी ने बहुत अच्छा प्रयास किया है। श्रीमती वंदिता शर्मा ने मुंगेली जिले में और श्री भूपेन्द्र कुमार श्रीवास ने दंतेवाड़ा जिले में उपचारात्मक एवं सरल उपचारात्मक कार्यक्रम का उत्कृष्ट कार्य किया है। किचन से विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों के लिए बस्तर जिले में श्री विष्णु मोहन मिश्रा ने अपने किचन में जाकर विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों को दिखाकर बच्चों को प्रयोग करने की शिक्षा दी है।
वेबीनार में नेशनल एचीवमेंट सर्वे में राज्य में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले महासमुंद जिले के श्री स्वरूप पटेल, असर के लिए राज्य में उच्च स्थान रखने वाले धमतरी जिले के श्री सूर्यकांत बैरागी ने अपने विचार व्यक्त किए। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका चर्चा पत्र का के अनुसार बस्तर जिले में इसका क्रियान्वयन का उत्कृष्ट कार्य श्री श्रीनिवास एटला ने जिले के सभी संकुल और स्कूलों में करवाया है।