अतिरिक्त आय के लिए धान बुवाई के पश्चात मेड़ो पर अरहर, तिल आदि फसल ले किसान, खेती-किसानी, उद्यानिकी एवं पशुपालन के संबंध में मौसम विभाग ने जारी किए सलाह

बारिश के मौसम में मवेशियों को कृमि नाशक दवा अवश्य खिलायें

वर्षाकालीन सब्जी फसल के लिए पौध तैयार करें, लौकी, करेला आदि बेल वाली फसलों को बाडी में लगाये

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कोरबा

मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार कोरबा जिले के अधिकांश भागों में आने वाले दिनों में हल्की से मध्यम बारिश की होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार जिले में आने वाले पांच दिनों में अधिकतम तापमान लगभग 32 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किए जाने की संभावना है। इन मौसम पूर्वानुमानों के आधार पर मौसम विभाग ने खेती-किसानी,एवं बागवानी फसलों के लिए भूमि की तैयारी के संबंध में तथा मौसम को देखते हुए पशुओं की देखभाल संबंधी सलाह भी जारी किए हैं। किसानो के अतिरिक्त आय के लिए धान बुवाई के पश्चात खेत के मेड़ो पर अरहर, तिलहन जैसे दलहन एवं तिलहन फसल लेने सलाह दी गयी है। वर्षा कालीन सब्जी फसल लेने के लिए पौध तैयार करने और लौकी, करेला, कद्दूवर्गीय इत्यादि बेल वाली फसलों को बाडी में लगाने की सलाह दी गयी है। साथ ही टमाटर, बैगन, मिर्च, भिंडी एवं अन्य सब्जी फसलों में निदाई, गुडाई करने कहा गया हैं। बारिश के मौसम में मवेशियों का विशेष ध्यान रखने तथा कृमि नाशक दवा अल्बेन्डाजोल, फेनबेन्डाजोल आदि अवश्य खिलाने कहा गया है।

मौसम विभाग द्वारा जारी सलाह अनुसार आगामी पांच दिनों के लिए जिले के किसानों को हल्की जमीनों में 100 से 115 दिन में पकने वाली धान की दंतेश्वरी, पूर्णिमा एवं इंदिरा बारानी धान-1, अन्नदा, समलेश्वरी, एमटीयू-1010 एवं आई आर-36 फसलें लगाने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि प्रमाणित बीज की उपलब्धता नहीं होने पर धान के इन किस्मों को 17 प्रतिशत नमक के घोल एवं बावीस्टीन से उपचार कर बुवाई कर सकते हैं। मशीन से रोपाई करने के लिए मैट टाइप नर्सरी डालने कहा गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि वर्षा जल को खेत में रोकने का प्रयास करने, ताकि धान के 25-30 दिन होने बाद बियासी कर सकें।

मौसम विभाग ने मवेशियों की सुरक्षा के संदर्भ में सलाह देते हुए कहा है कि मवेशियों को वर्षा के पानी में भींगने न दें। फूट रोट से बचाव के लिए पशुबाडे के फर्स को यथा संभव सूखा रखें। मवेशियों को यदि पतला दस्त हो तो पहले कृमि नाशक दवा खिलाये उसके बाद एनटीजोल एवं रूमेन एफएस बोलस 2-2 बोलस सुबह शाम दो दिनों तक खिलाये। मुर्गी पालन करने वाले किसानों को मुर्गी घर में पर्याप्त रोशनी का प्रबंध करने की सलाह दी गयी हैं। जारी सलाह अनुसार धान बीजो को बुवाई पूर्व उपचार करने के लिए एजेटोबैक्टर 5 ग्राम, पीएसबी 10 ग्राम एवं बाविस्टिन 1.5 ग्राम दवा प्रतिकिलो बीज की दर से उपयोग करें। तीन से चार सप्ताह की नर्सरी को रोपाई से पहले कार्बोफ्यूरॉन दानेदार दवा 20 किलो प्रति एकड नर्सरी के हिसाब थरहा निकालने के चार दिने पहले खेत मे डाले। इसके पश्चात थरहा निकालकर रोपाई करे। किसानों को जारी सलाह अंतर्गत रोपा धान में सकरी पत्ती और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए रोपाई के 3 से 7 दिन के अंदर एक हेक्टेयर खेत में ब्यूटाक्लोर की 3 लीटर दवा को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने को कहा गया है। मूंगफली एवं अरहर फसलों के लिए जल निकास की व्यवस्था कर बुवाई करने के लिए कहा गया है। साथ ही दलहनी फसलों का कल्चर से उपचार करके बुवाई  करने कहा गया है। इसके लिए राइजोबियम कल्चर 5 ग्राम एवं पीएसबी 10 ग्राम प्रतिकिलो ग्राम बीज की दर से उपयोग करने की सलाह किसानों को दी गयी हैं।

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